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नियम बदले, कन्या सुमंगला योजना में अब कम झंझट

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मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ पाने के लिए बेटियों के अभिभावकों को अब ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी। योजना में आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाते हुए शासन ने कई नियमों में बदलाव किया है। अब डाकघर में खाता होने पर भी योजना का लाभ दिया जाएगा। वहीं आवेदकों को अब अलग से शपथ पत्र भी नहीं देना होगा।

कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी कुरीतियों पर नकेल कसने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना लागू की है। इसके तहत गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के लिए 15 हजार रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराई जाती है। बेटी के जन्म लेने से लेकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने तक अलग-अलग छह श्रेणियों में प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की गई है।

योजना में नियमों की जटिलता के कारण ग्रामीण क्षेत्र की तमाम बेटियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। बड़ी संख्या में आवेदन पत्र खारिज हो रहे थे। समस्याओं के मद्देनजर अब सरकार ने नियमों को सरल बना दिया है। पहले एसडीएम और बीडीओ के सत्यापन के पूर्व कक्षा एक, चार और छह के आवेदन पत्रों का बीईओ और कक्षा नौ एवं स्नातक के आवेदन पत्रों पर डीआईओएस के स्तर से दोहरे सत्यापन की व्यवस्था थी।
अब सिर्फ एसडीएम और बीडीओ की ओर से केवल एक सत्यापन ही किया जाएगा। प्रत्येक श्रेणी में अलग-अलग आवेदन के बजाय अब एक बार लाभ स्वीकृत होने के बाद नई श्रेणी के लिए स्वत: फार्म अग्रसारित हो जाएगा। निर्धारित प्रारूप पर स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र होने पर भी उन्हें पात्र माना जाएगा।
इसी तरह श्रेणी एक में बालिका के जन्म के छह माह के अंदर और श्रेणी दो में टीकाकरण के बाद वाली प्रक्रिया को खत्म कर एक वर्ष के अंदर आवेदन को मान्य किया गया है। अन्य श्रेणियों में पूरे वित्तीय वर्ष में आवेदन करने की अनुमति प्रदान की गई है। पहले सिर्फ 30 सितंबर या प्रवेश लेने की अंतिम तिथि तक ही आवेदन किया जा सकता था।

कन्या सुमंगला योजना के तहत नियमों की जटिलता को दूर किया गया है। इससे अब ज्यादा से ज्यादा लोग योजना का लाभ ले सकेंगे। संबंधित अधिकारियों को इस बारे में लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया है। – संजय कुमार सोनी, जिला प्रोबेशन अधिकारी
5090 लाभार्थियों को मिल रहा लाभ
गाजीपुर। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 10215 लोगों ने आवेदन किया था। इसमें 4172 लोगों का आवेदन निरस्त कर दिया गया। इसमें से 6043 लोगों को योजना का लाभ मिलना है। फिलहाल 5090 लाभार्थियों के खाते में धनराशि भेज दिया गया है। इधर विभाग ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अधिक से अधिक पात्रों को लाभांवित करने के लिए प्रचार-प्रसार करने में जुटी हुई है।

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