प्रदेश के पॉलीटेक्निक संस्थानों में दाखिला लेकर कुछ ही दिन में सीट छोड़ने के इच्छुक छात्र-छात्राओं के लिए राहत भरी खबर है। ऐसे विद्यार्थी अंतिम चरण की प्रवेश काउंसिलिंग होने से पहले अपना दाखिला निरस्त करा सकेंगे। प्रवेश के लिए जमा की गई फीस भी उन्हें मिल सकेगी।
अब तक ऐसा करने वाले विद्यार्थियों की फीस वापस नहीं होती थी। शासन ने इस नियम में बदलाव की अनुमति दे दी है। नियम में कुछ अन्य बदलाव भी किए गए हैं। प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा सुभाष चंद्र शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव रामरतन ने बताया कि दाखिला लेने के तुरंत बाद कई अभ्यर्थी ऐसे आते हैं, जिनका इंजीनियरिंग या अन्य संस्था में दाखिला हो जाता है। ऐसे में वे सीट छोड़ देते हैं और फीस वापसी के लिए दबाव बनाते हैं। अब यदि अंतिम चरण की काउंसिलिंग होने से पहले दाखिला ले चुका कोई अभ्यर्थी ऑनलाइन काउंसिलिंग में विड्राल का विकल्प चुनेगा तो उसकी खाली सीट दूसरे अभ्यर्थी को दे दी जाएगी और उसकी फीस वापस कर दी जाएगी।
अब ऑनलाइन काउंसिलिंग तीन हिस्सों में होगी। पहले, दूसरे व तीसरे चरण में प्रवेश परीक्षा में चयनित प्रदेश के अभ्यर्थियों का दाखिला होगा। चौथा व पांचवां चरण विशेष काउंसिलिंग का होगा, जिसमें प्रदेश के अलावा बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों को भी मौका मिलेगा। अंत में छठवें से अंतिम चरण तक संयुक्त काउंसिलिंग होगी। इसमें प्रवेश परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के अलावा प्रवेश परीक्षा न देने वाले अर्ह अभ्यर्थियों को भी दाखिले का मौका दिया जाएगा।
ये प्रमुख निर्देश जारी
– काउंसिलिंग में आवंटित संस्था यदि प्रवेश देने में आनाकानी करती है तो अभ्यर्थी की शिकायत पर संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद अपने पास फीस जमा कराकर उसका दाखिला कराएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर संस्था पर कार्रवाई होगी।
– एआईसीटीई, फार्मेसी काउंसिल व काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर जैसी नियामक संस्थाओं द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि से पहले प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। अंतिम तिथि के बाद कोई दाखिला नहीं होगा।
अगले सत्र के लिए आवेदन दिसंबर-जनवरी से
पॉलीटेक्निक संस्थाओं की प्रवेश प्रक्रिया कोविड काल में पटरी से उतर गई है। पिछले वर्षों में आवेदन मार्च तक शुरू हुए थे। इसीलिए अब शासन ने अगले सत्र के दाखिले के लिए दिसंबर-जनवरी में ही ऑनलाइन आवेदन शुरू कराने के निर्देश दिए हैं।