जिले के खरीक प्रखंड स्थित लोकमानपुर के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। लोकमानपुर और सिहकुंड के चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। खेतों में लगी धान की फसल पूर्ण रूप से बर्बाद हो गया है। गांव के लोग ऊंचे टीले पर शरण लिए हुए हैं। मवेशी के लिए लोकमानपुर और सिहकुंड में चारे की कोई व्यवस्था नहीं है। नतीजतन मवेशी पालक अपने मवेशियों को लेकर दूसरे जगहों पर पलायन करने लगे हैं। गांव के लोगों को गांव से बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। बाढ़ पीड़ितों को अतिरिक्त नौका की आवश्यकता है।
सिहकुंड के लोगों को एक जगह से दूसरे जाने के लिए एक नाव की व्यवस्था की गयी है। लोकमानपुर के बाढ़ पीड़ितों सुबोध यादव, मोहम्मद मेराज, पंचायत समिति सदस्य कारे पासवान का कहना है कि लोकमानपुर में बाढ़ आने से हम लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। चारों ओर पानी ही पानी है। समझ में नहीं आता हम लोग क्या करें। प्रशासनिक स्तर से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली है। अविलंब नौका परिचालन शुरू की जाय।
खरीक अंचलाधिकारी निशांत कुमार ने बताया कि लोकमानपुर में बाढ़ का आकलन कर पीड़ितों की हरसंभव मदद की जाएगी। उधर इस्माइलपुर -बिंद टोली में गंगा नदी खतरे के निशान से 110 सेंटीमीटर ऊपर तबाही मचाने को तैयार दिख रही है। जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गंगा नदी खतरे के निशान 31.60 मीटर से 110 सेंटीमीटर ऊपर 32.70 मीटर पर बह रही है।