भारत में आधार पंजीकरण, उपयोग तथा इसे अपनाने का काम तेजी से चल रहा है। जुलाई महीने के अंत तक निवासियों के लिए 134.11 करोड़ आधार नंबर तैयार किए जा चुके हैं।
जुलाई के महीने में निवासियों द्वारा 1.47 करोड़ आधार अद्यतन किए गए और अब तक (जुलाई अंत) नागरिकों के अनुरोध पर 63.55 करोड़ आधार नंबर सफलतापूर्वक अद्यतन किए गए हैं। आधार को अद्यतन करने के अनुरोध जनसांख्यिकी के साथ-साथ बायोमैट्रिक अद्यतन से संबंधित हैं जो आधार केन्द्रों पर या ऑनलाइन आधार प्लेटफॉर्म का उपयोग करके किए गए।
जुलाई महीने में आधार के माध्यम से 152.5 करोड़ प्रमाणीकरण लेनदेन किए गए। इनमें से अधिकतर मासिक लेनदेन फिंगर-प्रिंट बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करके (122.57 करोड़) किए गए। इसके बाद जनसांख्यिकीय प्रमाणीकरण किया गया। जुलाई 2022 के अंत तक अब तक कुल 7855.24 करोड़ आधार प्रमाणीकरण किए गए हैं जबकि जून के अंत तक ऐसे 7702.74 करोड़ प्रमाणीकरण किए गए थे।
जुलाई महीने में 53 लाख से अधिक आधार बनाए गए। इनमें से अधिकतर 18 वर्ष (0-18 आयु वर्ग) से कम आयु के बच्चों के थे। वयस्क निवासियों में आधार पूर्णता स्तर अब सार्वभौमिक के निकट है और समग्र पूर्णता स्तर 93.41 प्रतिशत है। कम से कम 26 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में अब पूर्णता 90 प्रतिशत से अधिक है।
आधार सुशासन का एक डिजिटल बुनियादी ढांचा है। यह जीवन में सुगमता और व्यवसाय करने में सुगमता दोनों के लिए उत्प्रेरक है। डिजिटल आईडी केन्द्र और राज्यों में विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों को लक्षित लाभार्थियों को दक्षता, पारदर्शिता और कल्याणकारी सेवाएं प्रदान करने में सुधार लाने में मदद कर रहा है। केन्द्र और राज्यों द्वारा चलाई जा रही लगभग 900 सामाजिक कल्याण की योजनाओं को अब तक आधार का इस्तेमाल करने के लिए अधिसूचित किया गया है।
आधार पेमेंट ब्रिज (एपीबी) एलपीजी, मनरेगा तथा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम या एनएएसपी के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण सहित कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लाभ पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जुलाई महीने में सभी एपीबी लेनदेन 12,511 करोड़ रुपये के किए गए।
चाहे वह केवाईसी हो या अंतिम छोर तक बैंकिंग या आधार सक्षम डीबीटी आधार माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के विज़न को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जुलाई महीने में आधार के माध्यम से किए गए ई-केवाईसी लेनदेन की संख्या 22.84 करोड़ थी। अब तक ई-केवाईसी लेनदेन की संचयी संख्या जून के 1226.39 करोड़ से बढ़कर जुलाई में 1249.23 करोड़ हो गई। आधार धारक की सहमति से ही ई-केवाईसी लेनदेन किया जाता है। यह कागजी कार्यवाही को समाप्त करता है और केवाईसी पंजीकरण के लिए प्रायः आवश्यक व्यक्तिगत सत्यापन होता है। आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) और माइक्रो एटीएम के नेटवर्क के माध्यम से 1507 करोड़ से अधिक अंतिम छोर तक बैंकिंग लेनदेन संभव हो सका है। इस प्रणाली ने पिरामिड के निचले भाग में वित्तीय समावेश को सक्षम किया है। अकेले जुलाई महीने में पूरे भारत में 22.37 करोड़ एईपीएस लेनदेन किए गए।