डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का इस बार विशेष महत्व है। छत्तीस वर्ष बाद किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनादेश मिला है। बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष का हंगामा बेमानी है। इस बार के जनादेश ने चार दशक के मिथक को गलत साबित किया है। किसी मुख्यमंत्री की नोएडा यात्रा का मिथक भी टूटा है। कहा जाता था कि नोएडा जाने वाले मुख्यमंत्री की दोबारा सत्ता में वापसी नही होती। मगर ऐसा नहीं हुआ। लोगों ने योगी आदित्यनाथ को सुशासन को जारी रखने का जनादेश दिया। लोगों ने उनके वादों पर विश्वास किया। विपक्ष से इस पराजय के बाद आत्मचिंतन की अपेक्षा थी। वह व्यर्थ साबित हुई। वह मतदाताओं की खारिज की गई नीति छोड़ने को तैयार नहीं है । यह बात राज्यपाल के अभिभाषण पर उसकी प्रतिक्रिया से जाहिर हुई। राज्यपाल के अभिभाषण को विपक्ष ने सुना तक नहीं और हंगामा करना शुरू कर दिया। विपक्ष ने चुनाव प्रचार के दौरान उठाई गई बात दोहराई। जबकि चुनाव में इस प्रकार की दलीलें बेअसर रहीं थीं । इसके अनुसार विगत पांच वर्ष में जो अच्छा हुआ,वह सब पिछली सपा सरकार ने किया था । मतलब उस सरकार के कार्यों का लाभ मतदाता लगातार भाजपा को दे रहे हैं। पहले कोई उद्घाटन या लोकार्पण होता था तो अखिलेश यादव कह्ते थे कि भाजपा ने केवल कैंची और फीते का इंतजाम किया है। इस बार उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले पांच साल नाम और पत्थर बदलने में लगा दिए। वह जनहित की ठोस योजनाओं की प्रस्तुति से वंचित है। राज्य सरकार ने जो योजनाएं पेश की हैं वे सामान्यतया वही हैं जिनका प्रारम्भ समाजवादी सरकार में हुआ था। चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में नया कुछ करने के बजाय समाजवादी सरकार के कामों को ही गिना दिया गया है।
ठीक इसके उलट राज्यपाल का अभिभाषण तथ्यों पर आधारित रहा। उन्होंने गरीबों के लिए संचालित योजनाओं का उल्लेख किया। ऐसी पचास योजनाओं में उत्तर प्रदेश शिखर पर है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण हो गया है। गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना का निर्माण कार्य निर्धारित लक्ष्य के अनुसार गतिमान है। इस वर्ष जून के अंतिम सप्ताह में कार्य पूर्ण हो जाएगा। गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। राज्य के सभी एक्सप्रेस-वे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय लिया गया है। लखनऊ एवं वाराणसी में वर्तमान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों तथा कुशीनगर में नवीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ ही जेवर, जनपद गौतमबुद्धनगर में नोएडा ग्रीन फील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा तथा अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के साथ प्रदेश शीघ्र ही पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला देश का एक मात्र राज्य बन जाएगा। जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शिलान्यास किया गया है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तर भारत के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक होगा। अयोध्या अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण पूर्ण करने के लिए भूमि को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तान्तरित किया जा चुका है। प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी का विस्तार करते हुए नए शहरों को वायु सेवा से जोड़ा जा रहा है। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना का क्रियान्वयन सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। प्रथम यूपी इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त निवेश प्रस्तावों में से लगभग तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों का कार्यान्वयन विभिन्न चरणों में है। इन निवेशों से पांच लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। आगामी 03 जून को इन्वेस्टर्स समिट की तृतीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रधानमंत्री द्वारा पचहत्तर हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जाएगा। एक जनपद एक उत्पाद योजना संचालित की जा रही है। प्रदेश से निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। इसमें दोगुनी वृद्धि हुई है।
प्रदेश सरकार एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज के लक्ष्य की पूर्ति के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रही है। गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। आयुष मिशन के माध्यम से वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना एवं अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय की स्थापना की जा रही है। विगत पांच वर्षाें में गरीबों को बयालीस लाख से अधिक आवास दिए गए हैं। दो करोड़ इकसठ लाख व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराया गया। उज्ज्वला योजना में डेढ़ करोड़ से अधिक निशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए गए। सौभाग्य योजना के माध्यम से करीब डेढ़ करोड़ निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए गए। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत किसानों को बयालीस हजार करोड़ रुपये से अधिक हस्तान्तरित किए गए। किसानों का छत्तीस हजार करोड़ रुपये का फसली ऋण माफ किया गया। राज्य देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे है। ईझ ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने अभूतपूर्व प्रदर्शन किया हैl गोरखपुर में कई वर्षों से बंद पड़े उर्वरक कारखाने का पुनः संचालन प्रारम्भ कराया गया है। राज्य सरकार ने रमाला, मुण्डेरवा तथा पिपराइच में नई चीनी मिलें स्थापित की हैं। अब उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा एथेनॉल आपूर्तिकर्ता राज्य बन गया है। किसानों को पचास हजार करोड़ रुपये से अधिक फसल मूल्य भुगतान कराया गया। निराश्रित बेसहारा गोवंश को संरक्षण देने का अभियान चल रहा हैl सरकार द्वारा लगभग सौ लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। विगत पांच वर्षों में दशकों से लम्बित चल रहीं बाणसागर,अर्जुन सहायक,सरयू नहर सहित कुल बीस सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण की गई हैं। इससे करीब बीस लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन किया गया। पर ड्रॉप मोर क्रॉप के अन्तर्गत बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए तृतीय पैकेज में कुलपहाड़ स्प्रिंकलर परियोजना, शहजाद बांध स्प्रिंकलर परियोजना एवं मसगांव चिल्ली स्प्रिंकलर प्रणाली की स्वीकृति प्रदान की गई है। परिषदीय प्राथमिक उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर,स्कूल बैग एवं जूता मोजा की धनराशि सीधे छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के आधार सीडेड बैंक खाते में हस्तान्तरित की गई है। इससे डेढ़ करोड़ से अधिक बच्चे लाभान्वित हुए हैं। ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों को चिह्नित उन्नीस मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त कराया जा रहा है। प्रदेश में तीन नए राज्य विश्वविद्यालयों मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ एवं राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय,अलीगढ़ का शिलान्यास किया जा चुका हैl पचहत्तर नए राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना कार्य भी प्रगति पर है। राज्यपाल के अभिभाषण में गिनाई गईं इन उपलब्धियों कोई कैसे नकार सकता है।
(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)