दो माह पूर्व शहर के रौजा इलाके में रहने वाले दो किशोरों की अब तक बरामदगी के विरोध में परिजन सड़क पर उतर आए। दंपत्ती हनुमान और अनीता ने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ जिला मुख्यालय पर अनशन शुरू दिया। उनका आरोप है कि मामले में अपहरण की तहरीर थाने में दी गई लेकिन पुलिस ने गुमशुदगी में दर्ज कर खेल कर दिया। सदर कोतवाली के इंस्पेक्टर की कारगुजारी के चलते पीड़ित दंपति रोज थाने के चक्कर लगा रहे हैं। सभी जगहों से थक हारकर बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित सरजू पांडे पार्क में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।
शहर कोतवाली के रौजा निवासी हनुमान प्रसाद के दो बेटे दो महीने पहले गायब हो गए। सच्चिदानंद (14) और नगेन्द्र (16) बीते 8 जुलाई को पढ़ने के लिए स्कूल गए लेकिन फिर वह वापस नहीं आए। दोनों बेटे अलग अलग स्कूल में पढ़ते हैं, कुछ लोगों पर बेटों के अपहरण का शक है। उनके खिलाफ़ कोतवाली में नामजद तहरीर दी। दंपत्ति शहर कोतवाल विमलेश मौर्या के पास कई बार गए लेकिन उन्होंने कोई रुचि नहीं ली। मामले में दंपत्ति गुहार लगाते रहे और शहर इंस्पेक्टर टरकाते रहे। सिस्टम के आगे थक हार कर आज हनुमान प्रसाद अपनी पत्नी और अन्य परिजनों के साथ सरजू पांडे पार्क में अनशन पर बैठ गए हैं। हाथों में अपने बेटे का तस्वीर लिए हनुमान प्रसाद और अनिता अपने बच्चों की सकुशल बरामदगी के लिए पुलिस प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। इनकी चेतावनी है कि यदि इनकी बातों को नहीं सुना गया तो आत्मदाह भी कर सकते हैं। आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में लीपापोती करते हुए गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया और शांत बैठ गई।