रेवतीपुर के अठहठा गांव में नाव पलटने के मामले में सबसे पहले ग्रामीणों की लापरवाही सामने आई है। अठहठा गांव में बाढ़ प्रभावित लोगों के आवागमन के लिए लगाई गई नाव में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे। इसमें दस लोगों से अधिक को ले जाने की मनाही है और भार क्षमता के अनुरूप नाविक ने मना भी किया लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। नाविक चिल्लता रहा और इनकार किया लेकिन ग्रामीणों के दबाव में उसने नाव बढ़ा दी। 25 लोगों के बैठते ही नाव दबने लगी और चलकर चंद मीटर पर डूब गई।
रेवतीपुर इलाके में बाढ़ की चपेट में आने वाले गांवों में आवागमन को नाव लगाई गई हैं। ग्रामीणों की सहूलियत के लिए सभी गांव में एक या इससे अधिक नाव भी हैं। कहीं छोटी तो कहीं बड़ी नाव का संचालन किया जा रहा है। अठहठा गांव में बाढ़ प्रभावित लोगों के आवागमन के लिए प्रशासन ने डीजल की नाव की व्यवस्था कराई है। बुधवार को बड़ा हादसा लोगों की लापरवाही और मनमानी से हुआ। 25 लोगों से भरी नाव गंगा की बाढ़ में पलट गई। इसमें सभी बाजार से खरीदारी कर घर लौटने वाले लोग थे। वहीं कई बच्चे अपने पिता के साथ पढ़ाई की किताबे लेने गए थे। हादसे के बाद 15 लोगों ने तैरकर जान बचाई। वहीं, पांच को आसपास के लोगों ने बचाया। मरने वालों की पहचान अठहठा निवासी शिवशंकर गोड (45) और नगीना पासवान (72) के परिजन भी मौके पर पहुंच गए। वहीं बुधवार देर रात तक लापता पांचों बच्चों की तलाश जारी रही। एसडीआरएफ, पीएसी समेत अन्य टीमें लगी रहीं। डीएम, एसपी समेत कई अधिकारी मौके पर देर रात तक जमे रहे। इसमें अनिल पासवान की 10 वर्षीय बेटी, छटहा पहलवान का दस वर्ष का बेटा, डब्लूगोड के 12 वर्ष का बेटा, दयाशंकर का यादव का 11 वर्षीय बेटा और कमलेश यादव की आठ साल की बेटी शामिल है।
सीएम ने तत्काल राहत का दिया निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताते हुए जिला प्रशासन को राहत और बचाव कार्य तत्परता से करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी, डीआईजी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तत्काल मौके पर जाने का निर्देश दिया है। बुधवारको सीएम योगी ने गाजीपुर की बाढ़ का हवाई सर्वेक्षण करने के साथ ही पीड़ितों में राहत सामग्री का वितरण किया था।