उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जल्द ही 110 चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी। इसमें ज्यादातर चिकित्सकों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भेजा जाएगा। ये वे चिकित्सक हैं, जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इन्हें दोबारा पुनर्योजन के तहत नियुक्त किया जा रहा है।
प्रदेश में एमबीबीएस के करीब पांच हजार से ज्यादा पद खाली हैं। ऐसे में सेवानिवृत्त होने वाले चिकित्सकों को दोबारा तैनाती दी जाती है। इस साल जनवरी से अब तक करीब दो सौ चिकित्साधिकारी सेवानिवृत्त हुए हैं। ऐसे में चिकित्सकों की कमी पूरी करने के लिए विभाग ने सेवानिवृत्त होने वाले डॉक्टरों से आवेदन मांगे थे।
अब तक 110 चिकित्सकों ने दोबारा नियुक्ति के लिए आवेदन किया है। अब इनका तीन सितंबर को स्वास्थ्य संबंधी प्रमाण पत्र, प्रथम कार्यभार प्रमाण पत्र आदि का सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद इन्हें तैनाती दी जाएगी। दोबारा नियुक्ति होने वाले चिकित्सकों को शपथ पत्र देना होगा कि उनके खिलाफ कोई जांच नहीं चल रही है और वे प्राइवेट प्रैक्टिस भी नहीं करेंगे। वे अस्पताल में मौजूद दवाएं ही मरीजों को लिखेंगे। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. लिली सिंह ने बताया कि अब तक आए 110 की तैनाती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। भविष्य में दोबारा आवेदन मांगे जाएंगे।