आयकर विभाग ने बुधवार को सरकारी योजनाओं के घोटालेबाज अफसरों और ठेकेदारों के कुल 22 ठिकानों पर छापे मारे। लखनऊ के 10 स्थानों पर सुबह पांच बजे से यह कार्रवाई शुरू हो गई। इसमें कैश, फर्जी लेनदेन के दस्तावेज, कैश बुक्स, डिजिटल रिकॉर्ड आदि जब्त किए गए।
इस ऑपरेशन में विभाग ने 14 टीमें लगाई थीं। आठ टीमों ने लखनऊ के गोमतीनगर, गोमतीनगर विस्तार, सरोजनीनगर, महानगर, गुडंबा और पीजीआई इलाकों में कार्रवाई की। अन्य ने कानपुर, नोएडा और दिल्ली में दस्तावेज खंगाले। कार्रवाई कई अधिकारियों, ठेकेदारों समेत मंगलानी ग्रुप के ठिकानों पर हुई।
इनमें लखनऊ के विपुल खंड स्थित यूपी इंडस्ट्रियल कंसल्टेंट्स लिमिटेड (यूपीकॉन) के तत्कालीन निदेशक देवेंद्र पाल सिंह, कानपुर में तैनात उपायुक्त उद्योग राजेश सिंह यादव समेत अन्य अफसरों के घर भी शामिल हैं। कानपुर में प्रॉपर्टी डीलर राजू चौहान व देशराज के चार ठिकाने खंगाले गए। इन दोनों ने उपायुक्त उद्योग से गलत तरीके से 24 बीघा जमीन खरीदी थी। प्रदेश के अन्य हिस्सों में इस तरह के खेल की पड़ताल की जा रही है। वहीं, यूपीकॉन के मीडिया एंड कम्युनिकेशन हेड रजत त्रिपाठी ने कहा है कि कंपनी से जुड़े अधिकारियों को छापे की कोई जानकारी नहीं है।
देवेंद्र पाल से जुड़े तार
यूपीकॉन के निदेशक के पद पर रहते हुए देवेंद्र पाल के घर पहले भी छापा पड़ा था। इनकी कार से मार्च में 30 लाख कैश मिला था। इसके बाद 28 स्थानों पर छापेमारी में अहम दस्तावेज मिले। इसी क्रम में जून में कुछ अधिकारियों के घर छापे पड़े और फिर बुधवार की कार्रवाई हुई।
ऑपरेशन बाबू साहब पार्ट-2 से मचा हड़कंप
आयकर विभाग ने बुधवार को घोटालेबाज अफसरों और ठेकेदारों के कुल 22 ठिकानों पर छापे मारे। विभाग की इस कार्रवाई को ऑपरेशन बाबू साहब पार्ट-2 माना जा रहा है। कार्रवाई से शासन और सत्ता के गलियारों में हड़कंप मचा है। ऑपरेशन के तहत यूपीकॉन, उद्योग और उससे जुड़े तीन अन्य विभागों के अफसरों, बाबुओं और 3 ठेकेदार फर्म संचालकों के ठिकाने खंगाले गए हैं। सत निजी बैंकों के 20 से ज्यादा खाते व लॉकरों की तलाशी ली गई है। ऐसे बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस कार्रवाई की जद में कुछ और रसूखदार लोग भी आ सकते हैं।
मार्च व जून माह की रेड की कड़ी में पड़े छापे
विगत मार्च महीने में देवेंद्र पाल सिंह के घर यूपीकॉन के निदेशक के पद पर रहते हुए पहले भी छापेमारी हो चुकी है। आयकर टीमों को इनकी कार से मार्च महीने की रेड में 30 लाख रुपये कैश मिला था। जिसके बाद 28 जगहों पर छापेमारी में कई अहम दस्तावेज भी मिले थे। इसकी कड़ियाँ जोड़ते हुये जून माह में भी आयकर विभाग द्वारा कुछ अधिकारियों के घर रेड डालकर दस्तावेज जब्त किये गये थे। यह छापे इसी रेड की ही एक कड़ी बताई जा रही है।