स्विटजरलैंड में चल रहे दावोस विश्व आर्थिक परिषद में महाराष्ट्र सरकार ने विभिन्न देशों की 23 कंपनियों के साथ 30,379 करोड़ रुपये के निवेश के लिए समझौता किया है। सरकार का मानना है कि इससे महाराष्ट्र में 66 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा।
दावोस में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री डॉ. नितिन राऊत, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव आशिष कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) बलदेव सिंह, महावितरण के प्रबंध निदेशक विजय सिंघल, एमआईडीसी के सीईओ डॉ. अनबलगन आदि मौजूद थे।
राज्य सरकार के अनुसार प्रदेश में निवेश करने की इच्छुक कंपनियों में से 55 प्रतिशत से अधिक कंपनियां सिंगापुर, इंडोनेशिया, अमेरिका और जापान की हैं। इसमें मुख्य रूप से फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग, पैकेजिंग, पेपर पल्प और फूड प्रोसेसिंग, स्टील, सूचना प्रौद्योगिकी, डेटा सेंटर, लॉजिस्टिक्स आदि शामिल हैं।
उद्योग मंत्री सुभाष देसाई के अनुसार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0 की संकल्पना पेश की गई थी। इस पहल के तहत कुल 10 संस्करण आयोजित किए गए हैं। इसके माध्यम से अब तक 121 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इसमें से राज्य में कुल 2.15 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है। इससे करीब 4 लाख नौकरियां सृजित होंगी।
इंडोरामा कॉरपोरेशन और इंडोकाउंट इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसी प्रमुख कपड़ा कंपनियां क्रमशः नागपुर और कोल्हापुर में निवेश करेंगी। हैवमोर आइसक्रीम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पुणे में आइसक्रीम बनाने की इकाई शुरू कर रही है। इससे फूड एंड एग्रो प्रोसेसिंग को भी बढ़ावा मिलेगा। इसमें सोनई ईटेबल और गोयल प्रोटीन तेल कंपनी भी शामिल है। दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर आईटी कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ्ट पुणे में डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए 3,200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इंडोनेशिया की अग्रणी कंपनी एशिया पल्प एंड पेपर (एपीपी) की संस्था सिनर्मास पल्प एण्ड पेपर प्राइवेट लिमिटेड रायगढ़ में कागज और कतरन के उत्पादन के लिए 10,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
आशा खबर / उर्वशी विश्वकर्मा