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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के स्टार्टअप हब के माध्यम से एमईआईटीवाई में आयोजित स्टार्टअप्स के साथ संवादमूलक सत्र

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एमईआईटीवाई स्टार्टअप हब (एमएसएच) द्वारा आयोजित एक संवादमूलक (इंटरैक्टिव) सत्र में, एमएसएच भागीदार कार्यक्रमों के कुछ प्रमुख और सफल स्टार्टअप लाभार्थियों ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) में सचिव श्री अलकेश कुमार शर्मा और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपनी सफलता की कहानियां साझा कीं। स्टार्टअप्स के प्रतिनिधियों ने एमईआईटीवाई सचिव और अन्य प्रतिभागियों को इस बात से अवगत कराया कि उन्‍हें अपने स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार से किस प्रकार के समर्थन की आवश्यकता है।

आज एमईआईटीवाई स्टार्टअप हब एमएसएच के पास लगभग 3000+ तकनीकी स्टार्टअप हैं, जिनकी परिकल्‍पना इन्‍हें अगले 3 से 5 वर्षों में दस हजार से अधिक स्टार्टअप तक बढ़ाने की  है। एमईआईटीवाई  की एक पहल, एमएसएच का गठन एक राष्ट्रीय मंच के रूप किया गया था जिसमें मुख्‍य रूप से टेक्‍नोलॉजी नवोन्‍मेष, स्टार्ट-अप और बौद्धिक संपदा के निर्माण को बढ़ावा देने पर ध्‍यान केन्द्रित किया गया था। एमएसएच अपनी स्थापना के बाद से समय-समय पर विभिन्न संगठनों के साथ साझेदारी में प्रवेश कर रहा है ताकि प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप के लिए एक अनुकूल इकोसिस्‍टम प्रदान किया जा सके और सहयोगों के माध्यम से लाभार्थी नेटवर्क की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति को बढ़ाया जा सके। एमएसएच भागीदारी और संयुक्त पहल उद्योग संघों, कॉर्पोरेट्स, बहुराष्ट्रीय संस्थाओं, निजी प्रौद्योगिकी कंपनियों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, सरकारी संगठनों और अर्ध-सरकारी निकायों में फैली हुई है।

एमएसएच के अनेक कॉरपोरेट साझेदार हैं और स्टार्टअप्स को सहयोग करने के लिए कंपनियां चलाई हैं, जिनमें से 8 ने इंटरेक्टिव सत्र में भाग लिया। स्टार्टअप्स ने अपनी छाप छोड़ने वाली कहानियां साझा की और सत्र में मौजूद एमईआईटीवाई के विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों से मार्गदर्शन चाहा।

आयोजन के दौरान, श्री अलकेश कुमार शर्मा ने स्टार्टअप्स के नवाचार और जिस ऊर्जा के साथ वे काम कर रहे हैं, उसकी सराहना की। उन्होंने स्टार्टअप्स को उनकी विकास यात्रा में हर प्रकार का समर्थन देने की प्रतिबद्धता दोहराई।

सत्र से उत्साहजनक जानकारी प्राप्‍त हुई जिसे भारत के टियर- II और टियर- III शहरों में स्टार्टअप की खोज, सहयोग, विकास और उन्‍हें सफल बनाने के लिए एक राष्ट्रीय डीप-टेक स्टार्टअप प्लेटफॉर्म – ‘डिजिटल इंडिया जेनेसिस’ (इनोवेटिव स्टार्टअप्स के लिए जेन-नेक्स्ट सपोर्ट) के साथ आगे बढ़ाया जा सकता है। डिजिटल इंडिया सप्ताह 2022 में हमारे प्रधानमंत्री ने ‘डिजिटल इंडिया जेनेसिस’ की शुरूआत की थी। इस योजना के लिए कुल 750 करोड़ रुपये के खर्च की परिकल्पना की गई है।

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