। केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर माप और तौल उपकरण बेचने वाले निर्माताओं और आयातकों को 63 कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं, जिसमें कानूनी आवश्यकताओं के सत्यापन का विवरण मांगा गया है।
एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को कहा गया है कि यह पाया गया है कि माप और तौल उपकरणों के कुछ निर्माता और आयातक कानूनी प्रावधानों का पालन किए बिना ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर व्यक्ति के वजन को मापने की मशीन और किचन स्केल आदि बेच रहे हैं।
“केंद्र सरकार ने विधिक माप विज्ञान विभाग के माध्यम से तौल और माप उपकरणों के निर्माताओं व आयातकों को अनुपालन का विवरण मांगने के लिए 63 कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।”
यह नोट किया गया कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर इस तरह की अनधिकृत बिक्री से न केवल उपभोक्ता की सेवा में कमी आई है, बल्कि सरकार को राजस्व का नुकसान भी हुआ है।
बयान में कहा गया है, “ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर निर्माताओंवआयातकोंवविक्रेताओं को नोटिस जारी किए गए थे, जिसमें मॉडल की मंजूरी, विनिर्माण व आयातक व डीलर लाइसेंस और तौल तराजू के सत्यापन का विवरण मांगा गया।”
उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए, तौल व माप उपकरण के निर्माताओं व आयातकों को अपने वजन और माप उपकरण के लिए विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 के तहत के तहत तौल व माप के सत्यापन व मुद्रांकन की मंजूरी प्राप्त करने की जरूरत होती है।
बयान में कहा गया है, “विनिर्माता और आयातक को तौल व माप के उपकरणों की संख्या और उनके निर्मित व आयातित, बेचे व वितरित किए गए पुर्जों और सरकार को भुगतान किए गए सत्यापन शुल्क के विवरण का रिकॉर्ड रखना जरूरी है।”
इसके अलावा, उपभोक्ताओं के लिए एक सूचित विकल्प बनाने के लिए उत्पाद की अनिवार्य घोषणा प्री-पैकेज कमोडिटीव ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर की जानी चाहिए।
विनिर्माता व आयातक को तौल व माप के उपकरणों की संख्या और उनके निर्मित व आयातित, बेचेववितरित किए गए पुर्जों और सरकार को भुगतान किए गए सत्यापन शुल्क के विवरण का रिकॉर्ड रखना आवश्यक है।
विधिक माप विज्ञान अधिनियम के इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर जुर्माना या कारावास दोनों का प्रावधान है।