केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज डिजिटल कॉमर्स के ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) के साथ एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल को जोड़ने का आह्वान किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ओएनडीसी खरीदारों और विक्रेताओं को एक लोकतांत्रिक मंच पर एक साथ लाकर ओडीओपी का और विस्तार करने में मदद करेगा। वे आज नई दिल्ली में 300 से अधिक उत्पादों वाले ओडीओपी उपहार कैटलॉग और जीईएम पर ओडीओपी स्टोरफ्रंट का अनावरण करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
श्री गोयल ने ओडीओपी को भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपरा की अपार संभावनाओं को उजागर करने का एक गंभीर प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि भारत के जिले और गांव करोड़ों प्रतिभाशाली बुनकरों, कारीगरों और शिल्पकारों से भरे पड़े हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कई दशकों से विकास एक समान रूप से नहीं हो सका था और यह कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित था। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पिछले 8 वर्षों में सरकार की सोच में एक मौलिक बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि ओडीओपी देश के हर हिस्से में समृद्धि ले जाने की इसी सोच के साथ जुड़ा हुआ है।
श्री गोयल ने जोर देकर कहा कि भारत तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक कि देश के दूर-दराज के इलाके भी विकास में समान रूप से हितधारक न हों और प्रगति के फल से समान रूप से लाभान्वित न हों। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ओडीओपी समाज के पिरामिड के निचले हिस्से में रहने वालों के लिए समृद्धि लाने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का हवाला देते हुए श्री गोयल ने कहा कि ‘हमारे देश के प्रत्येक जिले में एक देश के बराबर क्षमता है…हमें इस शक्ति को समझने और इस क्षमता का सही तरीके से इस्तेमाल करने की जरूरत है।’
उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में ओडीओपी को मिली सफलता का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री गोयल ने कहा कि समन्वय एक महत्वपूर्ण कारक है जो ओडीओपी की सफलता को आगे बढ़ाएगा। श्री गोयल ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, निर्यात हब के रूप में जिला आदि जैसे सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों को ओडीओपी के विजन के साथ जोड़ा जाए। उन्होंने भारत सरकार के सभी मंत्रालयों से पूरक पहलों के माध्यम से ओडीओपी के जनादेश का और विस्तार करने में मदद करने के लिए कहा।
केंद्रीय मंत्री ने मंत्रालयों, विभागों और अन्य सरकारी निकायों से कहा कि वे देश के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर ओडीओपी उत्पादों को विशेष रूप से उपहार स्वरूप देने के लिए विचार करें। उन्होंने कहा कि जल्द ही भारत में होने वाला जी20 शिखर सम्मेलन ओडीओपी उत्पादों को प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर है। उन्होंने सुझाव दिया कि जी20 के प्रतिनिधियों को अच्छी गुणवत्ता वाले ओडीओपी उत्पादों की प्रदर्शनियों और शिल्प गांवों के दौरों के माध्यम से ओडीओपी उत्पादों से परिचित कराया जाए।
श्री गोयल ने निफ्ट, एनआईडी और आईआईएफटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों से ओडीओपी को आगे बढ़ाने के लिए रचनात्मक तरीके खोजने का भी आह्वान किया। उन्होंने ओडीओपी उत्पादों को ब्रांड करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिनमें से अधिकांश प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल हैं और हमारी धरती के लिहाज से भी अच्छे हैं। इस संदर्भ में, श्री गोयल ने जीआई टैगिंग प्रक्रिया को सरल, सुसंगत और तेज करते हुए जीआई टैग उत्पादों की सूची का विस्तार करने का भी आह्वान किया।
केंद्रीय मंत्री ने बाजार में नकली उत्पादों का मुकाबला करने के लिए वास्तविक ओडीओपी उत्पादों की उपलब्धता बढ़ाने का भी आह्वान किया और कहा कि नकली उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। श्री गोयल ने कहा कि कारीगरों की कम संख्या के कारण कला और शिल्प संकट में हैं। उन्होंने कहा कि इन शिल्पों में अधिक से अधिक कारीगरों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि इन शिल्पों की सुरक्षा की जा सके।
श्री गोयल ने ओडीओपी को एक वास्तविक बदलावकारी पहल (गेम चेंजर) बनाने के लिए 5 कार्य एजेंडे का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि ओडीओपी का एक संपूर्ण कैटलॉग तैयार किया जाना चाहिए ताकि मंत्रालयों, मिशनों, राज्य सरकारों और उद्योग को वन स्टॉप गिफ्टिंग डेस्टिनेशन के रूप में सेवा मिल सके। उन्होंने कहा कि यह कैटलॉग ऐसा हो जो उच्च गुणवत्ता वाले आपूर्तिकर्ताओं के उच्च गुणवत्ता वाले डेटाबेस के रूप में काम करे। उन्होंने राज्यों से ओडीओपी उत्पादों को इस तरह से सूचीबद्ध करने के लिए कहा कि इन तक सबकी पहुंच बढ़े, इनका चयन करना आसान हो और सर्च इंजन अनुकूल रहे।
श्री गोयल ने पैकेजिंग में सुधार की आवश्यकता के बारे में बताते हुए कहा कि प्रत्येक ओडीओपी उत्पाद की एक अपनी कहानी और विशेषताएं होती हैं जिन पर प्रकाश डाला जाना चाहिए। श्री गोयल ने कहा कि जीईएम पर जाने और कैटलॉग बनाने में बुनकरों/कारीगरों की मदद करने के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण को प्रदान करने के लिए सामान्य सेवा केंद्रों और डाकघरों का लाभ उठाया जा सकता है।
अधिक अंतरराष्ट्रीय भागीदारी का आह्वान करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ओडीओपी को अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, कार्यक्रमों, बैठकों और सम्मेलनों का एक हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने भारतीय मिशनों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ओडीओपी उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग बढ़े।
श्री गोयल ने कहा कि देश के लोगों को त्योहारों और समारोहों के मौके पर अपने मित्रों और परिवार को कम से कम एक ओडीओपी उत्पाद उपहार में देने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा माननाहै कि इस अमृत काल में आत्मनिर्भर भारत की हमारी सामूहिक दृष्टि को साकार करने के लिए इस परियोजना की योजना बनाने और उसे पूरा करने का यह एक सही समय है।
जीईएम पर ओडीओपी स्टोरफ्रंट 75 श्रेणियों के साथ उपलब्ध है, जिसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उत्पाद शामिल हैं। इस स्टोरफ्रंट का उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों, सरकारी निकायों और विदेशी मिशनों द्वारा उपहार/कार्यालय उपयोग के लिए ओडीओपी उत्पादों की सीधी खरीद को सक्षम बनाना है। यह भारत के समृद्ध और विविध उत्पादों के बारे में जानने में अंतरराष्ट्रीय लोगों को सक्षम करेगा।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईची) के सचिव श्री अनुराग जैन ने बताया कि किस तरह यह ओडीओपी पहल कारीगरों, महिलाओं, शिल्पकारों और किसानों के जीवन को बदलने के लिए काम कर रही है। श्री जैन इसकी लॉन्चिंग में भी मौजूद थे। उन्होंने प्रदर्शनियों, क्रेता-विक्रेता बैठक और पंजीकरण अभियान सहित विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में भी बताया।
समारोह में भारत सरकार के कई सचिव, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी, कई उद्योग संघ और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।