साराजेवो में आयोजित कैडेट विश्व चैंपियनशिप में भारतीय जुडोका लिंथोई चनंबम ने महिलाओं के 57 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। लिंथोई ने ब्राजील की बियांका रीस को हराकर किसी भी आयु वर्ग में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया।
लिंथोई ने शुक्रवार को स्वर्ण पदक के मैच में अपने ब्राजीलियाई प्रतिद्वंद्वी को 1-0 से हराया। लिंथोई मौजूदा एशियाई चैंपियन भी हैं।
साई मीडिया ने ट्वीट किया, मौजूदा एशियाई चैंपियन लिंथोई ने (57 किग्रा भार वर्ग में) कैडेट वर्ल्ड चैंपियनशिप 2022 में ब्राजील की बियांका रीस को 1-0 से हराकर किसी भी आयु वर्ग में भारत के लिए पहला स्वर्ण जीता।
लिंथोई लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) लाभार्थियों में शामिल हैं।
साई मीडिया ने एक अन्य ट्वीट में कहा, जूडोका लिंथोई ने किसी भी आयु वर्ग (कैडेट, जूनियर, सीनियर) में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीता है, लिंथोई टॉप्स योजना में शामिल एथलीट हैं।
इंटरनेशनल जूडो फेडरेशन (आईजेएफ) ने ट्वीट किया, भारत के लिए पहली बार विश्व चैंपियनशिप पदक! लिंथोई के लिए स्वर्ण!
वहीं, लिंथोई ने ट्वीट किया, “मैं अब यह नहीं बता सकता कि मैं कैसा महसूस कर रही हूं लेकिन मुझे पता है कि मैं इस जीत से बहुत खुश हूं।
बता दें कि लिंथोई खेल में देश के उभरते और सबसे चमकीले सितारों में से एक हैं। उन्होंने पहली बार 2018 में सब-जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। नवंबर 2021 में, उन्होंने चंडीगढ़ में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद जुलाई 2022 में एशियाई कैडेट और जूनियर जूडो चैंपियनशिप में एक और स्वर्ण पदक जीता।
जूडो मैट पर भारत की सबसे उज्ज्वल संभावनाओं में से एक, लिंथोई चनंबम ने 2018 में सब-जूनियर नेशनल चैंपियनशिप और जुलाई 2022 में बैंकॉक में आयोजित एशियाई कैडेट और जूनियर जूडो चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।