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छात्रसंघ चुनाव : एनएसयूआई के छह बागी नेता छह साल के लिए निष्कासित

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मतगणना के बाद प्रदेशभर की सरकारी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को 27 अगस्त को नए छात्र संघ अध्यक्ष मिलेंगे। प्रदेश की 15 यूनिवर्सिटी और 439 सरकारी कॉलेजों में हुए छात्र संघ चुनाव को लेकर सुबह 10 बजे से मतगणना शुरू होगी। इस बार छात्र संघ चुनाव के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन 27 अगस्त को मतगणना का काम कॉमर्स कॉलेज में करेगा। मानविकी पीठ सभागार को ऑडिटोरियम में तब्दील कर दिया गया है। ऐसे में वहां मतगणना संभव नहीं है, इसलिए बीते दिनों प्रशासन ने छात्र संघ चुनाव की मतगणना कॉमर्स कॉलेज के सभागार में करवाने का निर्णय किया था। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए इस बार हर टेबल पर कैमरा इनस्टॉल किया गया है।

बागी होकर छात्रसंघ चुनाव लड़ने वाले छात्रों के खिलाफ एनएसयूआई ने बड़ा एक्शन लिया है। छह छात्र नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। इनमें मंत्री मुरारीलाल मीणा की बेटी निहारिका जोरवाल का नाम भी शामिल है। जेएनयू जोधपुर में एसएफआई से चुनाव लड़ रहे अरविंद भाटी, आरयू में निर्दलीय अध्यक्ष प्रत्याशी प्रतापभानु मीणा के साथ-साथ आलोक शर्मा, सुंदर बैराड और अशोक बुरिया को भी एनएसयूआई से निकाल दिया गया है। यह आदेश राजस्थान प्रभारी गुरजोत संधू की ओर जारी किए गए हैं।

अब छात्रसंघ चुनाव नतीजों का इंतजार है। शनिवार सुबह 10 बजे से मतगणना शुरू हो गई है। एक घंटे बाद रुझान आने शुरू हो जाएंगे। दोपहर बाद स्थिति साफ हो जाएगी कि अध्यक्ष पद का ताज किसके सिर पर सजेगा। सबसे पहले अलवर यूनिवर्सिटी का परिणाम 10:30 बजे तक सामने आ जाएगा। क्योंकि यहां सिर्फ 131 वोटों की गिनती होनी है। उधर, जोधपुर में शुक्रवार देर रात को पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी धरने पर बैठ गए। वह स्ट्रॉन्ग के रूम के बाहर यह कहकर बैठ गए कि उन्हें यूनिवर्सिटी प्रशासन पर भरोसा नहीं है। न्यू कैंपस व केएन कॉलेज में फर्जी मतदान की शिकायतें हुईं। विवाद के बाद उनसे पांच रुपए की फीस लेकर टेंडर वोट डलवाए गए। अब ऐसे में अगर दो प्रत्याशी बराबर रहे तो उनके यह टेंडर वोट काम आएंगे। समझाइश के बाद रात 1:5 बजे धरना खत्म किया गया।

प्रदेश में सबसे ज्यादा नतीजों का इंतजार राजस्थान यूनिवर्सिटी और जोधपुर का है। आरयू और जेएनवीयू के नतीजे चौंकाने वाले हो सकते हैं। उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया में बाजी पलट सकती है। शुक्रवार को हुई वोटिंग में राजस्थान यूनिवर्सिटी में 48.38 फीसदी मतदान हुआ है। यूनिवर्सिटी में अपेक्स पदों की मतपेटियों को कॉमर्स कॉलेज में रखा गया है। अपेक्स पदों पर 20 हजार 770 मतदाताओं में से 10 हजार 50 मतदाताओं ने वोट डाले। यूनिवर्सिटी में अध्यक्ष पद के लिए 6 दावेदारों के बीच कड़ी टक्कर है। शनिवार को परिणाम आने के बाद 37वां अध्यक्ष चुना जाएगा। निहारिका जोरवाल और रितु बराला का दावा भी मजबूत है।

जेएनवीयू में एसएफआई के अरविंद सिंह और एनएसयूआई के हरेंद्र में कड़ी टक्कर मानी जा रही है। यहां हमेशा जातिगत फैक्टर हावी रहता है। या तो राजपूत या फिर जाट अध्यक्ष बनता है। शुक्रवार काे हुई वोटिंग के बाद यहां समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि परिणाम चौंकाने वाले होंगे। मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में कुलदीप सिंह का दावा मजबूत लग रहा है। हालांकि एनएसयूआई के देव सोनी पहले एबीवीपी में काम कर चुके हैं। सुखाड़िया यूनिवर्सिटी एबीवीपी का गढ़ रहा है। लेकिन, वोटिंग के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यहां इस बार बाजी पलट सकती है।

अजमेर की यूनिवर्सिटी में पिछले दो बार के चुनावों में एबीवीपी हमेशा आगे रही है। लेकिन, इस बार संगठन में अंदरखाने चल रही नाराजगी नुकसान पहुंचा सकती है। इसका फायदा एनएसयूआई को मिल सकता है और वह यहां बड़ा खेल कर सकती है। बीकानेर की महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई से कोई नहीं है। एबीवीपी से लोकेंद्र के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार भवानी सिंह तंवर भी राजपूत हैं। ऐसे में राजपूत वोट बंटते हैं तो इसका फायदा निर्दलीय जाट उम्मीदवार भैराराम को मिल सकता है। कोटा यूनिवर्सिटी एबीवीपी का गढ़ रहा है। यहां 6 बार में एबीवीपी अपना अध्यक्ष बना चुकी है। एनएसयूआई से कोई मैदान में नहीं है। लेकिन, निर्दलीय अजय पारेता से एबीवीपी की अंतिमा नागर के बीच कड़ी टक्कर है।

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