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कठुआ के रेलवे मार्ग पर अनियंत्रित ट्रक ने दर्जनों वाहन रौंदे, सात घायल -2010 में भी इस रोड़ पर भयानक दुर्घटना में 8 लोगों की हुई थी मौत

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कठुआ के रेलवे मार्ग पर अनियंत्रित ट्रक ने दर्जनों वाहन रौंदे, सात घायल -2010 में भी इस रोड़ पर भयानक दुर्घटना में 8 लोगों की हुई थी मौत

कठुआ के रेलवे मार्ग पर एक बार फिर अनियंत्रित ट्रक ने दर्जनों वाहनों को रौंद दिया। इस हादसे में 7 के करीब लोग घायल हुए हैं जिन्हें प्राथमिक उपचार के लिए पुलिस व स्थानीय लोगों की मदद से गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज कठुआ अस्पताल भर्ती करवाया गया है। हादसे के बाद पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे जिन्होंने क्षतिग्रस्त वाहनों को एक तरफ करते हुए यातायात बहाल करवाया।

शुक्रवार को एक बार फिर रेलवे रोड़ पर बहुत बड़ा हादसा हुआ है जिसमें ट्रक की ब्रेक फेल होने के कारण दर्जनों वाहन रौंदे गए और सात के करीब लोग घायल हो गए। वहीं स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मार्ग पर अतिक्रमण भी है जिस कारण मार्ग संकरा है और अक्सर सड़क हादसे पेश आते हैं। उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर इससे पहले भी सड़क हादसे पेश आ चुके हैं जिसमें कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। लेकिन पुलिस इस मार्ग को क्लियर करवाने में कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखाती। जिसका कारण यह रहा कि आज भी एक बड़ा सड़क हादसा पेश आया।

उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस मार्ग से अतिक्रमण हटाने के लिए उचित कार्रवाई की जाए। दरअसल कठुआ का रेलवे स्टेशन औद्योगिक इकाई के बीचोबीच है और इकाईयों में काम करने वालों की भी भीड़ रहती है और उपर से बाहरी राज्य पंजाब और इकाईयों में काम करने वाले कई मजदूर ज्यादा कमाने के चक्कर में शाम को रेलवे रोड़ के दोनों ओर ठेला, स्कूटी जा सड़क के किनारे सामान बेचना शुरू कर देते हैं, जिस कारण आने जाने वाली गाड़ियों का जाम लगा रहता है और आम जनता को भी फुटपाथ के बजाए बीच सड़क पर ही चलना पड़ता है, जिससे कई बार हादसे हो चुके हैं।

वहीं स्थानीय दुकानदार और स्थानीय निवासी भी इन रेहड़ी-फड़ी वालों से बहुत परेशान है। स्थानीय दुकानदारों और निवासियों करतार पंडित, महोम्मद रफी, रोमी, प्रवीन कोसर, सुनीता देवी, शेखर गुप्ता, अजय शर्मा, जवाहीर लाल, आदि का कहना है कि शाम के समय पैदल चलना उनके लिए दुश्वार हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस की शिकायत कई बार हटली पुलिस को की गई है लेकिन पुलिस वाले भी एक चक्कर लगाकर चले जाते हैं और फिर से वही हाल हो जाता है।

उन्होंने कहा कि हैरानगी की बात यह है कि मात्र 200 मीटर की दूरी पर पुलिस स्टेशन है कई पुलिस वाले इसी रास्ते से गुजरते है और मूक दर्शक बने रहते हैं।

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