माफिया अतीक अहमद और राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल के बीच अदावत करीब 17 साल पुरानी है। राजू पाल हत्याकांड में जब उमेश गवाह बने तो अतीक ने उनका अपहरण करा लिया था। उमेश अतीक गिरोह के खिलाफ अब तक तीन एफआईआर करा चुके हैं। 25 जनवरी 2005 को शहर पश्चिम के विधायक राजू पाल को सुलेम सराय इलाके में गोलियों से भून दिया गया था। शहर में विधायक की सनसनीखेज हत्या से हड़कंप मच गया था। उस समय राजू पाल के दोस्त और रिश्तेदार उमेश पाल पूरे मामले के गवाह बन गए थे।
राजू पाल हत्याकांड में गवाह बनते ही अतीक गिरोह उन्हें दुश्मन की नजर से देखने लगा। कई बार हमले का प्रयास हुआ लेकिन वे बच निकले। 28 फरवरी 2008 को उमेश का अपहरण कर लिया गया। उनके साथ मारपीट की गई। धमकी दी गई, गवाही दी तो मार दिया जाएगा। बाद में उन्हें छोड़ा गया तो उन्होंने अतीक, अशरफ समेत गिरोह के कई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।
हत्या में फंसाने की हुई कोशिश
अतीक गिरोह ने उमेश पर न सिर्फ हमले कराए और धमकियां दीं बल्कि 2016 में धूमनगंज में जीतेंद्र पटेल की हत्या के मुकदमे में नामजद भी करवा दिया। हालांकि जांच में उमेश को बरी कर दिया गया।