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उप्र: लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से हमीरपुर में यमुना और बेतवा उफान पर

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फोटो-25एचएएम-1यमुना व बेतवा नदियों की बाढ़ से हालात बिगडऩे लगे

यमुना और बेतवा समेत अन्य नदियों के उफनाने से 90 गांव बाढ़ की जद में

माताटीला डैम और धौलपुर से 28 लाख से क्यूसेक से अधिक पानी फिर छोड़े जाने से यहां यमुना और बेतवा नदियां उफान पर हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए सभी तैयारी पूरी करते हुए अधिकारियों की तैनाती कर दी है।

बाढ़ के पानी से दर्जनों गांव घिर गए हैं। तमाम गांवों की बिजली आपूर्ति भी बंद कर दी गई है। यमुना नदी का जलस्तर लाल निशान से ढाई मीटर हो गया है जबकि बेतवा खतरे के निशान से 1.15 मीटर पार कर गई है। तटवर्ती तमाम गांव खाली भी हो गए है।

मौदहा बांध निर्माण खंड के अधिशाषी अभियंता करन पाल गंगवार ने गुरुवार को बताया कि आज सुबह माताटीला डैम से 4.3 लाख क्यूसेक पानी बेतवा नदी में छोड़ा गया है वहीं धौलपुर से यमुना नदी में 24.75 लाख से अधिक क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे यहां मौजूदा जलस्तर में ढाई मीटर तक की बढ़ोतरी हो सकती है। बेतवा नदी में भी मौजूदा जलस्तर से दो मीटर तक की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। यमुना और बेतवा नदी के संगम के पास बसे भोला का डेरा, केसरिया का डेरा, जरैली मड़ईयां, रमेड़ी डांडा एवं डिग्गी में अब बाढ़ का पानी भरने लगा है। समस्त तटबंध फिलहाल सुरक्षित है लेकिन यमुना और बेतवा नदियों के तटबंधों की लगातार निगरानी कराई जा रही है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1983 में भीषण बाढ़ आई थी। यमुना और बेतवा नदियों का जलस्तर 108 मीटर पार हो गया था। करोड़ों रुपये की क्षति हुई थी।

मौदहा बांध निर्माण खंड के अधिशाषी अभियंता ने आज बाढ़ से प्रभावित होने वाले गांवों की सूची जारी की है। इनमें मनकीकला, मनकीखुर्द, उमराहट, जलाला, नैठी, गिमुहां, बंधौली समेत 64 गांव ग्रीन जोन में हैं। नदियों का जलस्तर 107.00 मीटर होने पर ये गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित होते हैं। इसके अलावा 13 गांव रेड जोन में है जो मौजूदा में बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं, जबकि क्षेत्र के 13 गांव येलो जोन में रखे गए हैं।

एनडीआरएफ की टीम बाढ़ से निपटने को तैयार

अपर जिलाधिकारी रमेश चन्द्र तिवारी ने बताया कि लखनऊ से एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई है और उसे बाढ़ से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। बाढ़ से प्रभावित दर्जनों गांवों में मुनादी करा दी गई है। बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रशासन की तरफ से राहत कैम्प खोले गए है। जहां भोजन और अन्य पानी के सभी इंतजाम कराए गए है। बाढ़ को देखते हुए एसडीएम और तहसीलदारों की ड्यूटी भी लगाई गई है।

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