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लनामिवि के इकलौते सेहत केंद्र जीडी कॉलेज में एनएसएस ने लगाया रक्तदान शिविर

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रक्तदान शिविर

रक्तदान कर लोगों को नई जिंदगी देने के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) द्वारा बुधवार को जीडी कॉलेज परिसर स्थित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के इकलौते सेहत केंद्र में रक्तदान शिविर लगाया गया।

राष्ट्रकवि दिनकर ब्लड बैंक बेगूसराय में रक्त की कमी को देखते हुए जागरूकता के उद्देश्य से एनएसएस के स्वयंसेवकों ने पहल कर जीडी कॉलेज परिसर में इस रक्तदान शिविर का आयोजन किया था, जिसमें समाचार भेजे जाने तक 25 स्वयंसेवक रक्तदान कर चुके हैं। रक्तदान शिविर का शुभारंभ कॉलेज के प्राचार्य प्रो. रामअवधेश कुमार, एनएसएस के नोडल पदाधिकारी डॉ. सहर अफरोज एवं ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. उमाशंकर सिंह ने किया तथा सबसे पहले रक्तदान किया आर्या कुमारी एवं शफकत सुल्ताना ने।

पहली बार रक्तदान कर रही सुल्ताना एवं आर्या ने कहा कि हम सबने एनएसएस के माध्यम से कई प्रकार के समाज हितैषी काम किए हैं। आज के रक्तदान शिविर में ब्लड डोनेट करने से पहले मन में बहुत भय और आशंकाएं थी। लेकिन ब्लड डोनेट करते ही सारा भय और आशंका समाप्त हो गया, तन-मन में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।

एनएसएस के नोडल पदाधिकारी डॉ. सहर अफरोज ने बताया कि रक्तदान करने के बाद शरीर मे पुनः नए रक्त बनते हैं और रक्तदान के बाद काफी अच्छा लगता हैं। हर स्वस्थ व्यक्ति जिनका वजन 45 किलो से अधिक, उम्र 18 से 62 वर्ष के बीच एवं हीमोग्लोबिन 12.5 हो, वे रक्तदान कर सकते हैं। रक्तदान से शरीर में कोई कमजोरी नहीं होती, बल्कि यह लोगों की जिंदगी बचाने के साथ-साथ रक्तदाता के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।

डॉ. उमाशंकर ने बताया कि एनएसएस के स्वयंसेवक की जितनी तारीफ की जाए कम है। रक्तदान करना अच्छी बात है और हर स्वस्थ व्यक्ति को वर्ष में एक बार रक्तदान जरूर करना चाहिए। पीयूष ने कहा कि एक बार रक्तदान करते हैं तो तीन जिंदगी को एक साथ बचाते हैं। क्योंकि ब्लड डोनेट के बाद ब्लड में से डब्ल्यूबीसी, आरबीसी एवं प्लेटलेट्स को अलग किया जाता है तथा जिस मरीज को जिस चीज की आवश्यकता होती है, उसे वही चढ़ाया जाता है।

अपने जीवन काल में 18 बार रक्तदान कर चुके सुमित ने कहा कि रक्तदान करने से कोई कमजोरी नहीं होती, बल्कि नई ऊर्जा का संचार होता है और नियमित रक्तदान करने वाले को हर्ट अटैक आने की संभावना कम रहती है। हर्षवर्धन ने बताया कि रक्तदान के समय कुछ बीमारियों का टेस्ट होता है, जिसे साधारणतया करवाने पर चार से पांच हजार रुपया खर्च होता है। लेकिन रक्तदान में सब जांच मुफ्त में हो जाता है, साथ ही अगर कोई बीमारी है उसका भी पता चल जाता है।

लैब टेक्नीशियन रोहन ने ब्लड बैंक की ओर से एनएसएस एवं सेहत केंद्र का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बेगूसराय जिले में थैलीसीमिया से पीड़ित 52 बच्चे हैं। जिन्हें हर 20 से 25 दिन पर रक्त की जरूरत होती है। थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों का दर्द समझ कर रक्तदान शिविर आयोजित करना एनएसएस की बेहतरीन पहल है।

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