तृणमूल कांग्रेस के दो गुट आपस में भिड़ गए हैं। घटना बुधवार की है। पंचायत प्रधान पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए तृणमूल के ही अन्य सदस्यों ने पंचायत कार्यालय पर ताला लगा दिया है। बुधवार को इस घटना के कारण बशीरहाट के मीनाखां प्रखंड के चपली ग्राम पंचायत इलाके में तनाव व्याप्त हो गया है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार पंचायत के तृणमूल प्रमुख और पंचायत के अन्य अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। पंचायत प्रधान सविता मंडल पर कई लाख रुपये के गबन और भाई-भतीजावाद के आरोप हैं। इसलिए तृणमूल के अन्य सदस्य इसके विरोध में आ गए। गुस्साए तृणमूल समर्थकों ने बुधवार को बशीरहाट-मलंच मार्ग को ब्लॉक कर विरोध प्रदर्शन किया। बाद में उन्होंने पंचायत कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया। सविता मंडल पर आरोप है कि उन्होंने चार साल के लिए गहरे नलकूपों, सड़कों, जल निकासी और तालाबों के जीर्णोद्धार सहित पंचायत स्तर के कार्यों के लिए आवंटित लाखों रुपये का गबन किया है। उस पंचायत के सदस्य अध्यक्ष निजामुद्दीन मुल्ला और उनके अनुयायियों ने मुखिया के खिलाफ यह आरोप लगाया।
इसकी शिकायत उत्तर 24 परगना के जिलाधिकारी, बशीरहाट अनुमंडल पदाधिकारी व मीनाखां के सामुदायिक विकास अधिकारी को भेजी गई है। स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ता अब्दुल गफ्फार तारफदार ने कहा कि हम पुराने दिनों से तृणमूल कार्यकर्ता हैं। इसलिए मैं भ्रष्टाचार को माफ नहीं करना चाहता। हमारे राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जो लोग ठेकेदार के रूप में काम करना चाहते हैं, उन्हें तृणमूल में शामिल नहीं होना चाहिए। लेकिन हमारे पंचायत प्रमुख समेत तमाम सदस्य एक के बाद एक भ्रष्टाचार में लिप्त होते जा रहे हैं। इसलिए हम उनका विरोध कर रहे हैं। हमने कई बार पार्टी के उच्चाधिकारियों को इस बात से अवगत करा चुके हैं। उन्होंने कहा है कि वे उचित कदम उठाएंगे।
एक अन्य स्थानीय निवासी सलाहुद्दीन मोल्ला ने कहा कि हमें लंबे समय से जॉब कार्ड के पैसे नहीं मिले हैं। आवास योजना से आए पैसों से 30 हजार रुपये काट लिए गए हैं।
हालांकि प्रधान ने स्थानीय निवासियों और तृणमूल के विरोधी समूहों के विरोध का कोई जवाब नहीं दिया। दावा है कि मुखिया स्थिति को देखते हुए घर से भाग गयी है।