राजस्थान यूनिवर्सिटी में मंगलवार को नामांकन वापसी के दिन स्क्रूटनी कमेटी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के महासचिव अरविंद झा और उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी साक्षी का नामांकन खारिज होने से भड़के उम्मीदवार ने फांसी लगाने की कोशिश की, वहीं एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी। हालांकि वहां मौजूद भारी पुलिस बल ने छात्रों के हाथ रोक दिए। इससे पहले एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री होशियार मीणा मुख्य चुनाव अधिकारी को मारने तक के लिए दौड़ पड़े थे, लेकिन पुलिस ने मीणा को पहले ही रोक लिया। इस दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ताओं की भीड़ डीएसडब्ल्यू (डिपार्टमेंट ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर) ऑफिस का घेराव करने पहुंची। वहीं, मौके पर मौजूद पुलिस ने भीड़ को आगे नहीं बढ़ने दिया। उधर स्टूडेंट की भीड़ को देखते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी ने अपने दफ्तर को अंदर से बंद कर लिया और किसी के भी प्रवेश पर रोक लगा दी।
मुख्य चुनाव अधिकारी (राजस्थान यूनिवर्सिटी) हर्ष द्विवेदी ने बताया कि महासचिव के एबीवीपी उम्मीदवार अरविंद झा ने कोर्ट के नियमों के विपरीत नामांकन दाखिल किया था। वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए साक्षी ने गलत दस्तावेज पेश किए थे। ऐसे में दोनों प्रत्याशियों का नामांकन खारिज हो गया है। इसे लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ता डीएसडब्ल्यू ऑफिस में हंगामा किया। डीएसडब्ल्यू ऑफिस ने महासचिव पद पर रोहिताश मीणा निर्दलीय के नामांकन को भी खारिज किया है। हालांकि, रोहिताश मीणा ने पहले एनएसयूआई से ही फॉर्म भरा था, लेकिन जो सूची एनएसयूआई ने जारी कि उसमें संजय चौधरी को महासचिव पद पर उम्मीदवार घोषित किया गया। इधर यूनिवर्सिटी में निहारिका के समर्थक नरेश मीणा प्रताप भानू मीणा से भिड़ गए। इस दौरान नरेश ने भानू का कॉलर पकड़ लिया। नरेश मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर लगाए गंभीर आरोप लगाया कि गहलोत नहीं चाहते मुरारी लाल मीणा की बेटी निहारिका चुनाव जीते, लेकिन वह अपनी गलतफहमी मिटा दें। इसके साथ ही चुनावी मैदान में उतरे अध्यक्ष पद के प्रत्याशी प्रताप भानु मीणा का गिरेबान पकड़ते हुए उस पर नाम वापसी का दबाव बनाया। इस दौरान निहारिका भी प्रताप भानु के पैरों में गिर कर रिक्वेस्ट करती दिखी। वहीं बाद में नरेश मीणा ने कहा कि छात्र संघ चुनावों में सीएम अशोक गहलोत अपनी जातिगत राजनीति करने पर आमादा हैं और प्रताप भानु को जानबूझकर चुनाव लड़वाया जा रहा है, ताकि जातिगत समीकरण बैठाए जा सकें। इस दौरान उन्होंने प्रताप भानु को कैंपस में वोट नहीं मांग सकने की चेतावनी भी दी।