-2024 की तैयारियों में तेजी, झटपट तैयार हो गई नए प्रदेश अध्यक्ष की टीम
महेंद्र भट्ट को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे अभी मुश्किल से 25 दिन हुए हैं, लेकिन उनकी टीम झटपट तैयार हो गई है। 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भाजपा ने खुद को झोंकना शुरू कर दिया है। इसी का नतीजा है कि महेंद्र भट्ट की टीम के ऐलान में काफी तेजी देखने को मिली है।
दरअसल, पार्टी हाईकमान एक बात साफ तौर पर मानता है। यह बात संगठनात्मक मजबूती से जुड़ी है। उत्तराखंड में नि:संदेह भाजपा नंबर वन पार्टी है। ऐसे में चुनौती अब नंबर वन की पोजीशन को बरकरार रखने की है। इसलिए सरकार और संगठन दोनों के स्तर पर जहां पेंच कसने की आवश्यकता महसूस हो रही है, वहां पर वह सब किया जा रहा है।
भाजपा का मानना है कि संगठन की मजबूती ही उत्तराखंड में पांच लोकसभा सीटों पर पार्टी के शानदार प्रदर्शन को दोहराने का कारण बनेगा। संगठन कमजोर हुआ, तो फिर केंद्र-राज्य सरकारों के अच्छे काम भी फिजूल साबित हो सकते हैं। इसलिए महेंद्र भट्ट की टीम को फाइनल करने में बहुत तेजी दिखाई गई है। इतनी तेजी कि भाजपा की धुर विरोधी कांग्रेस भी हैरत में पड़ सकती है, क्योंकि वहां काफी समय पहले नए अध्यक्ष के तौर पर करन माहरा की ताजपोशी हो चुकी है, लेकिन संगठनात्मक स्तर पर कई चीजें उलझी हुई हैं। वैसे, न सिर्फ करन माहरा की यह बात है, बल्कि प्रीतम सिंह के जमाने में भी उनकी टीम को फाइनल होने में एक लंबा वक्त लग गया था।
जहां तक महेंद्र भट्ट की टीम का सवाल है, नए पुराने चेहरों को लाकर मिशन 2024 की जंग जीतने के लिए पार्टी निकल चुकी है। भट्ट की टीम में पूर्व मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल, सांसद डा कल्पना सैनी, वरिष्ठ नेता कैलाश शर्मा को उपाध्यक्ष बनाया गया है। इस बार के विधानसभा चुनाव में झटका खा चुके देशराज कर्णवाल, मुकेश कोली को भी काम पकड़ा दिया गया है। पूर्व विधायक कुलदीप कुमार पहले भी प्रदेश टीम के हिस्सा थे। इस बार भी जिम्मेदारी मिली है।
प्रदेश महामंत्री बतौर खिलेंद्र चौधरी, राजेंद्र बिष्ट के साथ ही आदित्य कोठारी की नियुक्ति होना दिलचस्प है। आदित्य कोठारी और महेंद्र भट्ट एक ही समय में विद्यार्थी परिषद में अहम पदों पर रहकर कार्य कर चुके हैं। प्रदेश कोषाध्यक्ष पद पर पार्टी अपने भरोसेमंद नेता पुनीत मित्तल को सामने लेकर आई है। इसके अलावा, प्रदेश मंत्री बनाए गए दस नेताओं में मीना गंगोला भी शामिल हैं, जिन्हें इस बार के विधानसभा चुनाव में हार नसीब हुई थी। पार्टी ने उन्हें पिथौरागढ़ जैसे दूरस्थ क्षेत्र से प्रतिनिधि बनाकर काम दे दिया है। भाजपा की यही कोशिश है कि नई टीम तैयार हो जाने के बाद अब बिना समय गंवाए पार्टी के संगठनात्मक आधार को इस कदर मजबूत कर दिया जाए कि वह लगभग 2024 के रण में उतरते वक्त तक अभेद्य स्थिति में आ जाए। सरकार के साथ तालमेल बैठाते हुए महेंद्र भट्ट को अब पूरी पार्टी को आगे ले जाना है। यह उनके लिए बड़ी जिम्मेदारी है।