भारतवंशियों के बीच पहुंचे ब्रिटिश पीएम पद के दावेदार सुनक
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के दावेदार भारतीय मूल के ऋषि सुनक भारत व ब्रिटेन के बीच रिश्तों को और ज्यादा द्विपक्षीय बनाना चाहते हैं। ब्रिटेन में रहने वाले भारतवंशियों के बीच पहुंचे सुनक ने कहा कि वे भारत व ब्रिटेन के संबंधों में दोतरफा विस्तार के इच्छुक हैं।
भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटिश पीएम बनने की दौड़ में हैं। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री रहे ऋषि मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर अब जॉनसन के उत्तराधिकारी बनने की होड़ में शामिल हो गए हैं। सुनक अब कंजर्वेटिव पार्टी के कार्यकर्ताओं के वोट पाने की मशक्कत में जुटे हैं। सुनक को भारतवंशियों का भरपूर समर्थन भी मिल रहा है। वे उत्तरी लंदन में कंजरवेटिव फ्रेंड्स ऑफ इंडिया (सीएफआई) की पहल पर भारतवंशियों से मिले तो ‘नमस्ते, सलाम, केम छो, किद्दा’ कहकर विभिन्न भारतीय भाषाओं में अभिवादन किया। उन्होंने हिंदी में कहा, ‘आप सब मेरे परिवार के हो।’ भारत और ब्रिटेन के रिश्तों को अहम करार देते हुए उन्होंने कहा कि वे ब्रिटेन के विद्यार्थियों और निवेशकों के लिए भी भारत के द्वार आसान किये जाने के इच्छुक हैं।
सीएफआई की सह-अध्यक्ष रीना रेंजर के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में रह रहे भारतवंशी दोनों देशों के बीच एक सेतु की तरह हैं। सभी भारतवंशी ब्रिटेन के लिए भारत में अवसर के बारे में जागरूक हैं लेकिन असल में हमें इस रिश्ते को अलग तरह से देखना होगा, क्योंकि ब्रिटेन में हमारे लिए भारत से सीखने को बहुत कुछ है। ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री सुनक ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ब्रिटेन के विद्यार्थी भी भारत जाएं और वहां जाकर सीखें। इसी तरह ब्रिटिश कंपनियां व भारतीय कंपनियां मिलकर काम करें। वे दोनों देशों के रिश्तों में यह बड़ा बदलाव लाना चाहते हैं।
चीन को लेकर ऋषि सुनक ने कहा कि ब्रिटेन को ड्रैगन की बढ़ती आक्रामकता के खिलाफ बचाव में बहुत मजबूत होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चीन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी हमारी आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरे हैं। उसका सामना ब्रिटेन लंबे समय से कर रहा है और हमें इसके लिए जिंदा रहने की जरूरत है। सुनक ने साफ शब्दों में कहा कि आपके प्रधानमंत्री के रूप में मैं आपको, आपके परिवार और हमारे देश ब्रिटेन को सुरक्षित रखने के लिए जो भी जरूरी होगा, वह करूंगा, क्योंकि एक कंजरवेटिव प्रधानमंत्री के रूप में यह मेरा पहला कर्तव्य होगा।