नई-नई बीमारियों के साथ ही उपचार में भी नए-नए अनुसंधान सामने आते रहते हैं, इनका लाभ उठाने के लिए पढ़ाई करते रहना जरूरी है। दूर – दराज की चिकित्सा इकाइयों पर तैनात चिकित्सकों के लिए यह और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है कि वह अपडेट रहने के लिए कुछ पढ़ाई – लिखाई जारी रखें लेकिन अधिकतर चिकित्सक इसके लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जूम मीटिंग के जरिए चिकित्सकों की अपडेट करने की तैयारी की जा रही है। जूम मीटिंग में रोजाना एक विषय पर विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे। विभागीय विशेषज्ञों के अलावा निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों से भी इसके लिए मदद ली जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भवतोष शंखधर ने बताया ने बताया कि यह एक तरह की सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) होगी, जिसके जरिए स्वास्थ्य विभाग अपने चिकित्सकों को अपडेट रखने का प्रयास करेगा। जूम मीटिंग के जरिए सीएमई की जिम्मेदारी जिला सर्विलांस अधिकारी डा. राकेश कुमार गुप्ता संभालेंगे। फिलहाल वह रोजाना सुबह सभी शहरी चिकित्सा इकाइयों की जूम मीटिंग के जरिए उपस्थिति भी दर्ज करते हैं। डा. राकेश गुप्ता बताते हैं कि ऑनलाइन उपस्थिति लिये जाने का काफी फायदा हुआ है और अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टाफ समय पर पहुंचने लगा है। इसी तर्ज पर रोजाना सीएमई शुरू करने की तैयारी है।
उन्होंने बताया सीएमई के लिए सीएमओ ने दोपहर बाद का समय निर्धारित करने का निर्देश दिया है। प्रयास है कि बुधवार से जनपद स्तर पर सीएमई शुरू कर दी जाए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले ऐसे मामलों की चर्चा भी सीएमई के दौरान की जा सकेगी जो मामला कुछ अलग तरह के हों। उस पर विशेषज्ञ की राय से अन्य चिकित्सक भी भविष्य के लिए खुद को तैयार कर सकेंगे।