डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) 10 गांवों में डिजिटल लिट्रेसी सेंटर शुरू करने जा रहा है। विवि की यह कवायद इन 10 गांवों के युवाओं को डिजिटल साक्षर बनाएगी। गोद लिए गए इन गांवों में ग्राम प्रधान व स्थानीय पंचायत के सहयोग से कंप्यूटर लगाकर व स्कूलों के क्लासरूम को स्मार्ट बना बच्चों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
विश्वविद्यालय ने 10 गांवों को पूर्व में ही गोद लिया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निर्देशन में विश्वविद्यालय इन गांवों में साक्षरता बढ़ाने, आंगनबाड़ी को समृद्ध करने, स्वास्थ्य सुधार आदि को लेकर कार्यक्रम चला रहा है। इसी क्रम में अब इसे और आगे बढ़ाने की कवायद शुरू की गई है। कुलपति प्रो. पीके मिश्रा ने बताया कि इन 10 गांवों में डिजिटल लिट्रेसी सेंटर शुरू किए जा रहे हैं। इसमें कुछ जगहों पर पंचायत भवन में कंप्यूटर लगाकर जरूरतमंद युवाओं को डेटा एनालिटिक्स, टैली, सीसीसी आदि की जानकारी दी जाएगी।
जरूरत पड़ने पर छह माह का कोर्स भी कराया जाएगा, ताकि यहां के युवा रोजगार के लायक भी तैयार हो सकें। खास यह कि इसके संचालन के लिए योग्य युवाओं को भी तैनात एकेटीयू ही करेगा और उन्हें एक निर्धारित पारिश्रमिक भी देगा। इसमें सीएसआर एक्टिविटी का भी सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास बच्चों को शुरुआती क्लास से डिजिटल जानकारी देने से लेकर उन्हें रोजगार के लायक बनाने तक का है।
स्मार्ट क्लास से फर्नीचर तक की सुविधा
अभियान की संयोजक आर्किटेक्चर कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. वंदना सहगल ने बताया कि अगस्त के अंत तक हम दो गांवों के प्राइमरी व सेकेंडरी स्कूलों से इसकी शुरुआत करने जा रहे हैं। इसमें क्लास रूम को स्मार्ट बनाने और फर्नीचर बेहतर करने में भी सहयोग करेंगे। स्मार्ट क्लास से युवाओं को आधुनिक चीजों की पढ़ाई कराएंगे। इसमें कंप्यूटर ज्ञान रखने वाले हमारे शिक्षक भी शामिल होंगे। वहीं, पंचायत के रिकॉर्ड बनाने आदि के काम में युवाओं को जोड़कर ट्रेंड किया जाएगा। प्राथमिक दिक्कत सुरक्षा की आ रही थी, जिस पर ग्राम प्रधान ने पूरे सहयोग की बात कही है।
विवि के शिक्षक कैंपस में लेंगे क्लास
ये हैं चिह्नित ग्राम पंचायत
चिनहट विकास खंड की धुबैला, पल्हरी, पश्चिम गांव, फरुर्खाबाद, कोडरी भौली, सैरपुर, दुग्वर व बीकेटी का डिगोई, दुर्जनपुर व रसूलपुर।