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जिन मुस्लिमों के कारण भारत माता के तीन टुकड़े हुए हमें याद रखना जरूरीः डॉ.सरेन्द्र जैन

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जिन मुस्लिमों के कारण भारत माता के तीन टुकड़े हुए हमें याद रखना जरूरीः डॉ.सरेन्द्र जैन

आजादी के अमृत महोत्सव में हमें यह याद रखना चाहिए कि जिन मुस्लिमों के कारण भारत माता के तीन टुकड़े हुए, डेढ़ करोड़ हिंदुओं को विस्थापित होना पड़ा। यह बात रविवार को एसबीटीयू में विहिप द्वारा आयोजित अमृत महोत्वस को सम्बोधित करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय संयुक्त मन्त्री डॉ सुरेन्द्र जैन ने कही।

उन्होंने कहा कि आज भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, हमें अपनी उपलब्धियों पर गर्व है। लाहौर कराची की मण्डियों में हिंदुओं की लाशें टँगी थी, लाखों महिलाओं का बलात्कार किया गया, उसत्रासदी को झेलकर अपना परिवार, घरबार, सम्पत्ति को छोड़कर जो अपना धर्म बचाते हुए भारत आए, वो धर्मवीर हिन्दू भगिनी बंधु शरणार्थी नहीं पुरुषार्थी हैं।

अध्यक्षीय भाषण देते हुए प्रो नीरज सिंह जी ने सनातन हिन्दू धर्म की सहृदयता, समरसता, सद्भाव, लोक कल्याण की भावना पर प्रकाश डाला। प्रख्यात शिक्षाविद प्रोफेसर एच सी वर्मा , प्रोफेसर सच्चिदानंद , डॉ अंगद सिंह समेत आये हुए सभी अतिथियों का अंगवस्त्र एवं स्मृतिचिह्न देकर स्वागत अभिनन्दन विहिप पदाधिकारियों द्वारा किया गया। प्रियम ने एकल गीत ष्चल रहे हैं चरण अगणित ध्येय पथ पर निरन्तरष् गाकर युवाओं में राष्ट्र निर्माण हेतु ध्येय निष्ठ बनने का आह्वान किया गया।

विहिप के 59वें स्थापना दिवस का श्रीगणेश पनकी हनुमान जी धाम गुरुकुल के बटुकों ने सस्वर स्वस्तिवाचन के साथ रामायणी कुटी चित्रकूट धाम से पधारे श्रध्देय रामहृदयदास महाराज, पनकी हनुमान मंदिर महन्त जितेंद्रदास , विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त संघचालक ज्ञानेन्द्र सचान, विश्व हिन्दू परिषद कानपुर प्रान्त अध्यक्ष राजीव महाना, प्रान्तीय कार्याध्यक्ष उमेश पालीवाल, प्रान्तीय उपाध्यक्ष अतुल शुक्ल, प्रान्तीय सह मन्त्री राजू पोरवाल, प्रान्तीय संगठन मन्त्री मधुराम, विभाग अध्यक्ष सुरजीत सिंह ओबेरॉय, एचबीटीयू के रजिस्ट्रार प्रो नीरज सिंह, कवि राम भदावर , विहिप के चारों जिलाध्यक्ष पंकज शुक्ल, अनुराग दुबेजी, अजय मिश्र, हेमन्त सेंगर, विभाग संयोजक अमरनाथ ने जब प्रभु श्रीराम दरबार का पूजन कर दीप प्रज्वलन किया, तब सनातन संस्कृति की गौरवशाली परम्परा साकार हो उठी।

आशा खबर / शिखा यादव 

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