जिले के कुछ क्षेत्रों में शुक्रवार देर रात हुई झमाझम बारिश से सूख रही फसलों को संजीवनी मिल गई है। बारिश की आस में आसमान की ओर हर रोज किसान टकटकी लगाए रहते थे।
रोपाई कर चुके किसान सूख रही धान की फसलों व नहरों के बंद होने के बाद निराश हो गए थे। बारिश होने के बाद क्षेत्रीय किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है। शुक्रवार को दिनभर आसमान में बादलों की आवाजाही के बाद देर शाम तक बारिश न होने से किसान मायूस हो गए थे। वहीं देर रात हुई झमाझम बारिश से सूख रही धान की फसल, अरहर, तिल, ज्वार, मक्का, उड़द एवं साग-सब्जियों, बैंगन, टमाटर, मिर्च, भिंडी आदि की फसलों को बारिश की अमृत बूंदों से संजीवनी मिल गई है। बारिश होने के बाद शनिवार सुबह किसान अपने खेतों में पहुंचकर फसलों की निगरानी में लगे रहे।
क्षेत्रीय किसान राम अनुज, दयाशंकर, देवराज, दादू, अमीरूद्दीन आदि ने बताया कि बारिश न होने से धान की खेतों में दरारें पड़ गई थी और अरहर, तिल, ज्वार आदि की फसलें सूखने के कगार पर पहुंच गई थी। बारिश से सूख रही फसलों को संजीवनी मिल गई है। पहाड़ी नदी-नालों में जल प्रवाहित होने लगा है। फसलों को काफी फायदा हुआ है। बारिश होने के बाद किसानों ने राहत की सांस ली। शनिवार सुबह भी आसमान में घने बादल छाए हुए हैं और बारिश की संभावना बनी हुई है।
आशा खबर / शिखा यादव