प्रसपा संस्थापक शिवपाल यादव ने जन्माष्टमी पर यदुवंशियों को पत्र लिखकर कुछ इस तरह से शुभकामनाएं दी हैं कि उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि पिता को छल बल से अपमानित कर पद से हटाने वाले कंस को दंड देने के लिए योेगेश्वर श्रीकृष्ण अवतार लेते हैं। प्रसपा भी ऐसी ही विराट नियति और विधान का परिणाम है।
माना जा रहा है कि शिवपाल ने इस पत्र के माध्यम से कहीं और ही साधा है। साथ ही यादवों से आह्वान कर किसी सियासी महाभारत की तैयारी भी कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने पत्र में किसी का नाम नहीं लिखा है पर सियासी गलियाराें में चर्चा है कि उनके निशाने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं।
शिवपाल ने पत्र में लिखा कि समाज में जब कोई भी कंस अपने (पूज्य) पिता को छल बल से अपमानित कर पद से हटाकर अनाधिकृत आधिपत्य स्थापित करता है तो धर्म की रक्षा के लिए मां यशोदा के लाल ग्वालों के सखा योगेश्वर श्रीकृष्ण अवश्य अवतार लेते हैं। अपनी योग माया से अत्याचारियों को दंड देकर धर्म की स्थापना करते हैं। मेरे यदुवंशी भाइयों और बहनों आप सभी धरा पर धर्म रक्षक श्रीकृष्ण के विराट व्यक्तित्व की प्रति छाया है। स्वाभाविक तौर पर ऐसे में धर्म की रक्षा में आपका दायित्व भी महत्वपूर्ण और शाश्वत है। इसलिए हे श्रेष्ठ यदुवंशी वीरों समाज में धर्म की स्थापना, शांति, सुरक्षा, सद्भाव, समरसता, समन्वय एकता और लोक कल्याण के लिए में आप सभी का आह्वान करता हूं। उन्होंने एक कविता भी लिखी जिसकी अंतिम दो पंक्तियां कुछ ऐसी हैं…, ‘मैं चला धर्म ध्वज लिए, अपना कर्तव्य निभाने को, आह्वान तुम्हारा यादव वीरों, देर न करना आने को।’
आशा खबर / शिखा यादव