काशी और नेपाल का धार्मिक संबंध सदियों से चला आ रहा है। काशी ने नेपाल को सनातन धर्म का ज्ञान दिया, अध्यात्म की रौशनी और संस्कृत का आधार भी दिया। काशी में नेपाली कोठी, काठ की हवेली और नेपाली मंदिर नेपाली संस्कृति के प्रतीक हैं। खासकर नेपाली मंदिर तो नेपाल और काशी निवासियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पूर्व अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी का कहना है कि नेपाल में राजशाही के दौरान राज्याभिषेक से पहले गंगा पूजन के लिए काशी आते थे। दशाश्वमेध घाट पर ही राजा-रानी गंगा स्नान कर गंगा पूजन करते थे। यह परंपरा नेपाल में सदियों से चली आ रही थी और जब तक राजशाही थी नेपाल के राजा राज्याभिषेक से पहले काशी आते रहे।
नेपाल के पशुपतिनाथ में कर्मकांड और पूजा-पाठ की जिम्मेदारी काशी से अध्ययन करने वाले पुजारियों के ही जिम्मे हैं। पूजा, प्रथा और परंपरा काशी के अनुसार ही वहां भी निभाई जाती है। वेद पाठ और ज्ञान के लिए आते हैं काशी नेपाली मंदिर केव्यवस्थापक रोहित का कहना है कि नेपाल के गांव से काशी में वेदपाठ की कामना से हर साल विद्यार्थी आते हैं। नेपाल से आकर काशी में वेदपाठ की कामना हर नेपाली परिवार में देखने को मिलती है।