विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। वाराणसी के भेलुपुर थाने में गुरुवार को नौकरी दिलाने के नाम पर करीब चार लाख रुपये लेने के मामले में पुलिस ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विधि छात्र कौस्तुभ त्रिपाठी की तहरीर पर आइपीसी की धारा 419, 420, 406, 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
छात्र का आरोप है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्नातक की पढ़ाई करते वक्त काम की तलाश के दौरान अरुण पाठक से मुलाकात हुई। अरुण पाठक ने अपने यहां पार्ट टाइम पर काम करने की बात कह कर पंद्रह हजार रुपये महीने पर रखा। काम करते करते दो साल तक वेतन नहीं मिला।
जिसके बाद दो साल का वेतन का तीन लाख साठ हजार रुपये बकाया हो गया। इस बीच 2017 में अरुण पाठक ने ग्राम विकास में भर्ती की बात कह कर नौकरी लगवाने के लिए फॉर्म भरवाया। जिसके एवज में 5 लाख रुपये बता कर अपने पास बकाया वेतन के पैसा के आलावा और पैसा की मांग करने लगा।
पीड़ित ने अपने पिता से पढ़ाई के नाम पर एक लाख तीन हजार रुपये लेकर दिया। अरुण ने पैसा लेने के बाद परीक्षा के ठीक एक हफ्ते पहले भर्ती में सेटिंग न होनी की बात कही। और तत्कालीन रेल मंत्री मनोज सिंहा से बात कर रेलवे में नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया। पैसा वापस मांगने पर अरुण पाठक झूठे मुकदमे और जान से मारने की धमकी देने लगा। जिसके बाद पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
आशा खबर / शिखा यादव