माफिया मुख्तार अंसारी ही नहीं उसके परिवार, रिश्तेदार और करीबियों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। अब जेल में भी मुख्तार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैंं। उसकी दबंगई पर नकेल लगाई जा रही है। तन्हाई बैरक पर 20 सीसीटीवी की नजर हर वक्त रहती है। यह सीधे लखनऊ कमांड आफिस से जुड़े हैं। इसके अलावा आठ वार्डर बैरक के बाहर तैनात रहते हैं। दो डिप्टी जेलरों को खास इसी बैरक की सुरक्षा में लगाया जाता है। इन सभी दस जवानों को बॉडी कैम से लैश किया गया है।
मुख्तार पर निगरानी रखने के लिए कुल 32 वार्डर हैं। इसमें 12 दूसरी जेल के हैं। ये 12 वार्डर हर माह अलग-अलग जेल से भेजे जाते हैं। रोजाना आठ-आठ घंटे की शिफ्ट में निगरानी वार्डर बदले जाते हैं। दूसरी जेलों से भेजे गए वार्डर बैरक के नजदीक और बांदा मूल तैनाती के वार्डर द्वितीय स्तर की निगरानी में लगाए जाते हैं। एक शिफ्ट में आठ वार्डर की ड्यूटी लगती है। सभी वार्डर बाडी कैम से लैस रहते हैं। पूरे कारागर में कुल 48 सीसीटीवी लगे हैं।
जेल मुख्य गेट पर नाम-पता के बाद इंट्री
पंजाब की रोपड़ जेल से मुख्तार को बांदा मंडल कारागार लाए जाने के बाद मुख्य गेट पर जेल सुरक्षार्किमयों की तैनाती बढ़ा दी गई है। यहां नाम-पता दर्ज होने के बाद ही अंदर प्रवेश मिलता है। प्रभारी जेल अधीक्षक के अनुसार हफ्ते में एक दिन मुलाकात और जेल के डाट फोन से बातचीत कराने का शेड्यूल है। मुलाकात के लिए कोविड निगेटिव जांच रिपोर्ट जरूरी है। बिना जांच रिपोर्ट के मुलाकात संभव नहीं है।
सात अप्रैल 2021 को पंजाब की रोपड़ जेल से लाने के बाद से मुख्तार बांदा मंडल कारागार में बंद है। तभी से यह हाई सिक्योरिटी जेलों में शुमार है। पिछले साल 16 मई को उन्नाव कारागार से जेल सुपरिटेंडेंट एके सिंह का यहां ट्रांसफर हुआ। वे आए और 17 अक्तूबर को मेडिकल लीव पर चले गए।
12 नवंबर को बरेली कारागार से जेल सुपरिटेंडेंट विजय विक्रम सिंह का बांदा कारागार के लिए स्थानांतरण हुआ। वे आए ही नहीं। इसपर 29 नवंबर को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। जून में लखीमपुर खीरी कारागार के जेल सुपरिटेंडेंट पवन प्रताप सिंह भेजे गए। वह भी ज्वाइन करने नहीं आए। बाद में उन्हें बाराबंकी भेज दिया गया। जेल अब भी प्रभारी जेल अधीक्षक वीरेंद्र कुमार वर्मा संभाल रहे हैं।
जून में जेल का तवा गर्म मिला था और आम थे ठंडे
जून में जेल में छापा पड़ा तो मुख्तार अंसारी के लिए जेल में विशेष इंतजामों की पोल खुल गई। उसकी बैरक के पास बनी अस्थायी रसोई में तवा गर्म मिला। कहते हैं कि इसी रसोई में मुख्तार के लिए विशेष भोजन बनता था। जांच में वहां गर्म तवे के अलावा सब्जी, दाल और रोटियां मिलीं। एक फ्रिज में आम भरे हुए मिले।
मुख्तार की बैरक से बरामद आम और फ्रिज में रखे आम एक ही प्रजाति के थे। इसी रसोई में जेलर्किमयों के लिए दिन में दो-चार बार चाय बनती थी। छापे में तन्हाई बैरक में जेल मैन्युअल से अलग खाना पाया गया था। सुरक्षा ड्यूटी करने वाले चार बंदी रक्षक बॉडी कैम के बिना ड्यूटी कर रहे थे।
आशा खबर / शिखा यादव