हिमाचल प्रदेश में मानसून की सक्रियता से बादल जमकर बरस रहे हैं। राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में सोमवार को भी बारिश का दौर जारी रहा। लगातार हो रही वर्षा से नदी-नालों के साथ बांध और जलाशयों के जल-स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके चलते राज्य के अधिकतर बांधों से पानी की निकासी के लिए गेट खोले गए हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार प्रदेश में छोटे-बड़े 21 बांध हैं तथा इनमें से 19 बांधों में जलस्तर बढ़ा हुआ है। ऐसे में इन बांधों के गेट खोलकर पानी छोड़ा गया है।
प्राधिकरण की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पंडोह बांध से सबसे ज्यादा 23335 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि लारजी बांध से पांच क्यूसेक पानी की निकासी हुई है। भाखड़ा बांध से 19131 क्यूसेक, चमेरा-1 बांध से 11535 क्यूसेक, कड़छम से 13101 क्यूसेक, चमेरा-2 से 5902 क्यूसेक, चमेरा-3 से 6509
क्यूसेक, पौंग बांध से 6828 क्यूसेक, कौल बांध से 1800, नाथपा से 1068, बजोली होली से 1624, कुप्पा बेरज से 1094, बुधिल से 110, मलाणा-1 से 23, मलाणा-2 से 25, अलैन बैरेज से 32, नियोगल बैरेज से 1800, जाटोन बैरेज से 221 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
राज्य में वर्षा जनित हादसों में सोमवार को सात लोगों की जान गई है। इसके अलावा भूस्खलन से 100 सड़कें, 66 ट्रांसफार्मर और 14 पेयजल परियोजनाएं ठप रहीं। वहीं 10 घर और छह पशुशालाएँ भी ध्वस्त हुईं हैं। चम्बा जिला में 51, कुल्लू में 31, मंडी में आठ, सोलन में छह, लाहौल-स्पीति में तीन और कांगड़ा में एक सड़क बंद रही। कुल्लू में 35, मंडी में 30 और चम्बा में एक ट्रांसफार्मर बाधित रहे। चम्बा में 14 पेयजल परियोजनाएं पूरी तरह बंद रहीं।
मौसम विभाग ने आगामी 19 अगस्त तक प्रदेश में मौसम के खराब रहने की संभावना जताई है। वहीं 17, 18 व 19 अगस्त को भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है।