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शहीद मनोज भाटी का शव पहुंचा घर, पूरा गांव में मातम का माहौल

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शहीद मनोज भाटी के गांव शाहजहांपुर में उनकी अंतिम क्रिया में शामिल होने के लिए बैठे गणमान्य लोग।

गुरुवार को कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए फरीदाबाद के गांव शाहजहांपुर के लाल मनोज भाटी का शव शनिवार को उनके गांव पहुंचा। गांव में शव के पहुंचते ही पूरे गांव में मातम का माहौल छा गया। देश के लिए वीरगति प्राप्त करने वाले इस होनहार सैनिक को अंतिम बार देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा पड़ा। घर में बुजुर्ग, महिलाएं तथा युवा सभी की आंखों नम थी, लेकिन सभी मनोज की कुर्बानी को लेकर गौरवान्वित थे। इससे पूर्व लेफ्टिनेंट मनोज भाटी का शव दिल्ली से फरीदाबाद आया और बाईपास रोड़ से विशाल काफिले तथा पुलिस सुरक्षा के बीच गांव तक लाया गया।

इस दौरान हरियाणा के कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा, हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान, विधायक नयनपाल रावत, तिगांव के पूर्व विधायक ललित नागर, किशन ठाकुर, हरेंद्रपाल राणा सहित विभिन्न राजनैतिक दलों एवं सामाजिक संस्थाओं के गणमान्य लोग इस यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान बातचीत में शहीद मनोज के पिता बाबूलाल भाटी ने कहा कि मनोज की शादी 10 महीने पहले ही हुई थी। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस घटना में हमारे चार सैनिक शहीद हुए हैं, इसका बदला 40 आतंकियों को मारकर लिया जाए। शहीद मनोज के बड़े भाई सुनील भी सेना में कार्यरत हैं। सुनील ने बताया कुछ दिन पहले ही मेरी उनसे फोन पर बात हुई थी, वो छुटियों का प्लान बना रहा था। मनोज भाटी के भाई ने कहा कि गुरुवार को उन्हें दुखद सूचना मिली। उन्होंने कहा कि मनोज की भरपाई कोई नहीं कर सकता, लेकिन ये हमारे लिए गर्व की बात है कि वो देश के लिए शहीद हुआ है।

फरीदाबाद के शाहजहांपुर गांव में मनोज का जन्म साल 1996 में हुआ था। मनोज कुमार भाटी ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है, जिसके बाद 25 अप्रैल 2017 में मनोज सेना में भर्ती हुए थे। चार भाई-बहनों में मनोज सबसे छोटे थे, इनके बड़े भाई सुनील कुमार भी सेना में हैं। बीच वाले भाई हरेंद्र उर्फ योगेश खेतीबाड़ी करते हैं और बहन आशा शादीशुदा है। इनके पिता बाबूलाल गांव में ही शटरिंग का कारोबार करते हैं।

आशा खबर / शिखा यादव 

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