-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 150 नयी बसों को किया रवाना, हर जिले को मिली दो बस
-बस अड्डों का किया लोकार्पाण एवं शिलान्यास
-सड़क दुर्घटना में अकेले यूपी में एक वर्ष में होती हैं 20 हजार मौंते, यह चिंता और कष्ट का विषय, समाधान ढूंढें
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उप्र परिवहन विभाग द्वारा ड्राइविंग ट्रेनिंग, टेस्टिंग इंस्टीट्यूट, ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक, सारथी हाल और बस अड्डों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 150 नयी बीएस.-6 डीजल बसों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री आवास पांच कालिदास मार्ग पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक आम नागरिक जब घर से गंतव्य तक जाने के लिए निकलता है तो उसका पहला वास्ता परिवहन निगम बसों से पड़ता है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम का लंबा इतिहास है। समय अनुरूप इसको जिस तरह प्रोफेशनल तरीके से बढ़ाने की जरूरत थी, नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि हमने 2019 के कुंभ में श्रद्धालुओं की सेवा के लिए बसों को खरीदा था। उन सभी बसों को हमने परिवहन विभाग को दे दिया था। उसका परिणाम था कि उन बसों ने सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के समय प्रदेश में बड़ी सहायक साबित हुई।
कोरोना कालखंड में लॉक डाउन के समय एक करोड़ से अधिक कामगार श्रमिकों को लाने, ले जाने के लिए हमने इसका सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया। इसमें 40 लाख कामगार अकेले उत्तर प्रदेश के थे। 30 लाख बिहार के थे। झारखंड, बंगाल, उड़ीसा, असम, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड राज्यों तक उन लोगों को पहुंचाया गया। मानवीय सहयोग का ये उदाहरण बना। परिवाहनकर्मी इस मानवीयता के उदाहरण बने। इन्होंने जान की परवाह किये बगैर जनता की सेवा की।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इन 150 बसों को खरीदने के बाद लोकार्पित करने का रक्षाबंधन के मौके से बेहतर कोई अवसर नहीं था। मैंने कहा कि हर जिले को 2-2 बसों को दिया जाए। 10 अगस्त की रात 12 बजे से 12 तारीख की रात 12 बजे तक 48 घण्टे इन बसों में प्रदेश की बहन और बेटियां फ्री में यात्रा कर सकें।
प्रदेश सरकार परिवहन निगम की सभी बसें बहन बेटियों को आज से 48 घण्टे फ्री में यातायात सुविधा देने जा रही है। प्रदेश सरकार बहुत जल्द इस व्यवस्था को बढ़ाने जा रही है। हमें बस अड्डों को हाई क्लास बस स्टेशन में बदलना होगा। बाहर से जब कोई आता है तो उसे बेहतर कनेक्टिविटी मिले। गांव-गांव तक इस कनेक्टिविटी से जोड़ना होगा।
उन्होंने कहा कि भारत के एयरपोर्ट वर्ल्ड क्लास बन सकते हैं तो हम अपने बस स्टेशन को बेहतर क्यों नहीं कर सकते। इस दिशा में परिवहन निगम को कार्य करना होगा। हर जिले में इंटरस्टेट, अंतर्जनपदीय बस स्टेशन अच्छी व्यवस्थाओं से युक्त होना चाहिए। वहां डोरमेट्री, रेस्टोरेंट हों, वेटिंग रूम हो। हमे कॉमन मैन की सुविधाओं को वरीयता देनी होगी। जर्जर हो चुकी बसों को हटाकर नई बसों को शामिल करना होगा।
हमारा प्रयास होना चाहिए कि परिवहन विभाग का लाभांश बढ़े। आने वाले समय में हम 60 वर्ष से ऊपर की हर एक माताओं को फ्री में यात्रा देने का कार्य करेंगे। हर परिवहन वर्कशॉप के साथ आईटीआई के बच्चों को भी जोड़ने का कार्य होना चाहिए।
सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत कम करना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के समय प्रदेश में 23 हजार मौतें हुई। ये देश दुनिया में सबसे न्यूनतम दर है। सड़क दुर्घटना में प्रदेश में अकेले एक वर्ष में 20 हजार मौत होती हैं। यह चिंता और कष्ट का विषय है। कोरोना महामारी में जिस प्रदेश ने प्रबन्धन से विजय प्राप्त की, ढाई वर्ष में 23 हजार मौत हुई, उसी प्रदेश में सड़क दुर्घटना में 20 हजार मौत एक वर्ष में होती हैं। इसके पीछे क्या कारण है ? ये हमें ढूंढने की जरूरत है। इसपर हमको कंट्रोल करने की आवश्यकता है।
इस मौके पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
आशा खबर / शिखा यादव