Inflation in India : केंद्र सरकार ने गेहूं का आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर अब गुणवत्ता प्रमाणपत्र की मंजूरी जरूरी कर दी है। एक अधिसूचना में कहा गया है कि एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन काउंसिल (ईआईसी) से यह मंजूरी लेनी होगी। इसके प्रमुख केंद्र मुंबई, चेन्नई, दिल्ली और कोलकाता में हैं।
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Inflation in India : एक साल में खाने-पीने की कीमतों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद कीमतों पर काबू नहीं हो रहा है। यहां तक कि नमक का भी भाव बढ़ गया है। उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि एक साल पहले चावल का भाव 34.86 रुपये किलो था जो अब 37.38 रुपये हो गया है। गेहूं 25 रुपये से 30.61 रुपये जबकि आटा 29.47 से 35 रुपये किलो हो गया है
दालों की कीमतों में भी उछाल
अरहर की दाल एक साल पहले 104 रुपये किलो थी जो अब 108 रुपये किलो है। उड़द दाल 104 से 107 रुपये किलो, मसूर दाल 88 से 97 रुपये किलो और दूध 48.97 से बढ़कर 52.41 रुपये लीटर हो गया है। आरबीआई के अनुमान के मुताबिक, अभी भी खुदरा महंगाई की दर 6 फीसदी से ऊपर ही रहेगी। उपभोक्ता मंत्रालय ने तेल की कीमतों को कम करने के लिए कई बार तेल कंपनियों और संगठनों को बुलाया है। कंपनियों का कहना है कि लगातार वह तेल की कीमतें कम कर रही हैं। पर खुले बाजार में अभी भी तेल की कीमतें 150 रुपये लीटर से ऊपर ही हैं।
वस्तुएं | कीमत (8, अगस्त, 22) |
कीमत (8 अगस्त, 21) |
मूंगफली तेल | 188 | 176 |
सरसों तेल | 174 | 169 |
वनस्पति तेल | 154 | 134 |
सोया तेल | 57 | 148 |
सूरजमुखी तेल | 180 | 166 |
आलू | 28 | 20 |
नमक | 20 | 19 |
आंकड़े रुपये में प्रति किलो
आटा, मैदा व सूजी निर्यात के लिए गुणवत्ता प्रमाणपत्र जरूरी, 13 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगने के बाद बढ़ा था आटा निर्यात
ऐसी आशंका थी कि घरेलू बाजार में आटा की उपलब्धता पर असर होगा। इससे कीमतें भी बढ़ सकती हैं। इस पर काबू पाने के लिए 12 जुलाई को विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने आटा, मैदा और सूजी निर्यात पर भी पाबंदी लगा दी थी। इन सामान के निर्यात के लिए अंतर मंत्रालयी समूह की मंजूरी जरूरी होगी।
कमोडिटीज की कीमतों को कम करने का प्रयास
सरकार लगातार कमोडिटीज की कीमतों को कम करने का प्रयास कर रही है। हालांकि पिछले साल की तुलना में इस साल कीमतें काफी ऊंची हैं। खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) जहां जुलाई, 2021 में 5.59 फीसदी थी, वहीं यह जून, 2022 में 7.01 फीसदी पर थी। जुलाई में इसमें मामूली कमी आने के आसार हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह 6.6 फीसदी के आस-पास रह सकती है। जुलाई का आंकड़ा 12 अगस्त को जारी किया जाएगा।