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रामनगर में दो साल बाद उठा अलम व दुलदुल का जुलूस,कर्बला में शहीद इमाम हुसैन को याद कर रोने लगे लोग

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सांकेतिक तस्वीर

कोरोना काल में दो वर्षों तक लगी रही पाबंदियों के बाद इस वर्ष सय्यद आफताब हुसैन की देखरेख में सोमवार की देर रात जुलूस उठाया गया। जुलूस उठने से पूर्व मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने कर्बला की जंग के बारे में बताया।

मुहर्रम की नौवीं तारीख का जुलूस पुरानी रवायत के अनुरूप उठाया गया। कोरोना काल में दो वर्षों तक लगी रही पाबंदियों के बाद इस वर्ष सय्यद आफताब हुसैन की देखरेख में सोमवार की देर रात जुलूस उठाया गया। जुलूस उठने से पूर्व मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने कर्बला की जंग के बारे में बताया। कर्बला में शहीद इमाम हुसैन और उनके साथियों को याद कर मजलिस में बैठे लोग रोने लगे।

मुहर्रम की नौवीं तारीख का कदीमी अलम, दुलदुल व ताबूत का जुलूस सोमवार की रात गोलाघाट स्थित मस्जिद समसुन बीबी से सैयद आफताब हुसैन की निगरानी में निकला। इस दौरान सय्यद दानिश हुसैन व उनके साथियों ने सवारी पढ़ी। जुलूस अपने कदीमी रास्तों गोलाघाट, किला रोड, सब्ज़ी मंडी, चौक, नमक बाज़ार, साहित्यानाका होते हुए देर रात टेंगरा मोड़ स्थित हसन बाग इमामबाड़े पहुंचा। रास्ते भर अंजुमन अब्बासिया के सदस्य नौहा मातम व जंज़ीरज़नी व कमाज़नी करते हुए चल रहे थे। इसके बाद अलम, दुलदुल व ताबूत का कदीमी जुलूस हसन बाग इमामबाड़े पहुंचकर समाप्त हुआ। जुलूस में मुख्य रूप से आफताब हुसैन, वेरासत हुसैन, बालिस्टर हुसैन, दानिश हुसैन, बाकर रजा, बब्बू हुसैन, परवेज हुसैन, कुमैल रजा, एबाद रजा सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।

वहीं, नौवीं मुहर्रम के अवसर पर महिलाओं व पुरुषों की मजलिसों का दौर भी नगर सहित आस पास के क्षेत्रों में जारी रहा। वहीं दूसरा जुलूस मरहूम अली अनवर के आवास से अलम, दुल्दुल व ताबूत का जुलूस उठाया गया जो अपने अपने परम्परागत रास्तों से होता हुआ हसन बाग इमामबाड़े जाकर समाप्त हुआ। जुलूस में फरमान रजा, इनाम रज़ा, सय्यद अख्तर रज़ा, नदीम आब्दी, जाफ़र आब्दी, बाक़र आब्दी, इजलाल हैदर आब्दी, शबीब हैदर, समर अब्बास, मोहम्मद मेहंदी आदि शामिल रहे।

आशा खबर / शिखा यादव 

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