मपी-एमएलए विशेष कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद से ही मऊ सदर से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी फरार है। इससे पहले लखनऊ की क्राइम ब्रांच टीम ने 25 जुलाई को लखनऊ, दिल्ली, मऊ और गाजीपुर में छापा मारा था।
माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी की तलाश में महानगर पुलिस ने सोमवार देर रात आलमबाग इलाके मे रहने वाले करीबी जुगनू वालिया और यूसुफ के घर पर दबिश दी लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस दो दिनों से लगातार दबिश दे रही है, लेकिन अब्बास नहीं मिला। वहीं पुलिस टीम अब्बास की तलाश में दिल्ली, गाजीपुर व मऊ में जमी हुई है। अब्बास के खिलाफ तीन साल पहले महानगर थाने में एक शस्त्र लाइसेंस पर कई असलहे खरीदने और फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज है।
एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद से ही मऊ सदर से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी फरार है। इससे पहले लखनऊ की क्राइम ब्रांच टीम ने 25 जुलाई को लखनऊ, दिल्ली, मऊ और गाजीपुर में छापा मारा था। कोर्ट ने अब्बास को 27 जुलाई तक गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। अब्बास अंसारी के वकीलों ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया। रविवार को महानगर प्रभारी निरीक्षक केशव कुमार तिवारी अपनी टीम के साथ दारुलशफा स्थित आवास नंबर 107 पर दोपहर ढाई बजे पहुंचे तो वहां ताला लटका मिला था। इसके बाद पुलिस अब्बास के निजी आवास मेट्रो सिटी, डालीबाग भी गई लेकिन वहां भी कोई सुराग नहीं मिला। वहीं सोमवार देर रात को पुलिस टीम ने मुख्तार अंसारी के करीबी माफिया जुगनू वालिया के चंदरनगर आवास पर दबिश दी। इसके अलावा एक अन्य करीबी यूसुफ के घर दबिश दी गई।
2019 में महानगर थाने में दर्ज हुआ था केस
मऊ के विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ 2019 में महानगर के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह ने केस दर्ज कराया था। आरोप था कि अब्बास ने असलहे का लाइसेंस लिया था जिसका दुरुपयोग करते हुए एक ही लाइसेंस पर कई हथियार खरीद डाले। ये भी आरोप है कि 2012 में हासिल इस लाइसेंस को बिना एनओसी के ही दिल्ली ट्रांसफर करा लिया था।
मऊ और गाजीपुर जिले में भी दर्ज हैं पांच केस
मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ लखनऊ में दो, मऊ में चार और गाजीपुर में एक मुकदमा दर्ज है। चुनाव प्रचार के दौरान मऊ पुलिस ने अब्बास के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने, धमकी देने, वर्ग विशेष के खिलाफ बयान और आपराधिक साजिश के आरोप में केस दर्ज किया था।
आशा खबर / शिखा यादव