भारतीय सिनेमा में हीरो और हीरोइन की बात हर कोई करता है लेकिन इस इंडस्ट्री में कई ऐसे कलाकार भी हैं जिन्होंने अनगिनत फिल्मों में बतौर साइड अभिनेता या अभिनेत्री के रूप में काम करके लोगों का मनोरंजन किया है। इन्हीं में अभिनेता मुरली शर्मा का नाम भी शामिल है, जो आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। मुरली शर्मा को अगर पैन इंडिया कलाकार कहा जाए तो गलत नहीं होगा। उन्होंने हिंदी के साथ-साथ तमिल, तेलुगू, मराठी, मलयालम भाषा में रिलीज हुई कई फिल्मों में काम किया है। लेकिन उन्हें इस इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। आइए आज आपको अभिनेता के जन्मदिन पर उनके करियर और शादीशुदा जिंदगी के बारे में बताते हैं।

खुद को ‘बॉम्बेवाला’ कहते हैं मुरली शर्मा
9 अगस्त 1972 को मुरली शर्मा का जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर में हुआ था। उनके पिता बृजभूषण शर्मा एक मराठी हैं लेकिन मां तेलुगू हैं। हालांकि, मुरली छोटी उम्र में ही मुंबई आ गए थे और यहीं रहकर उन्होंने अपनी शिक्षा को पूरा किया। इसी वजह से वह खुद को आंध्र प्रदेश का न मानकर मुंबई का मानते हैं और खुद को ‘बॉम्बेलाला’ कहते हैं। अभिनेता ने अपना ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद ही एक्टिंग की दुनिया में कदम रख दिया था लेकिन इससे पहले उन्होंने रोशन तनेजा एक्टिंग स्कूल में अभिनय का अध्ययन किया।
9 अगस्त 1972 को मुरली शर्मा का जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर में हुआ था। उनके पिता बृजभूषण शर्मा एक मराठी हैं लेकिन मां तेलुगू हैं। हालांकि, मुरली छोटी उम्र में ही मुंबई आ गए थे और यहीं रहकर उन्होंने अपनी शिक्षा को पूरा किया। इसी वजह से वह खुद को आंध्र प्रदेश का न मानकर मुंबई का मानते हैं और खुद को ‘बॉम्बेलाला’ कहते हैं। अभिनेता ने अपना ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद ही एक्टिंग की दुनिया में कदम रख दिया था लेकिन इससे पहले उन्होंने रोशन तनेजा एक्टिंग स्कूल में अभिनय का अध्ययन किया।

130 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
मुरली शर्मा ने अलग भाषाओं की 130 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। उन्होंने कई बड़े कलाकारों के साथ स्क्रीन शेयर की है। इतना ही नहीं, कुछ फिल्मों में उन्होंने ऐसे दमदार किरदार निभाए हैं, जो फैंस के बीच लोकप्रिय है। मुरली को ‘मैं हूं न’, ‘डोल’, ‘धमाल’, ‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘गोलमाल रिटर्न’ जैसी कई शानदार फिल्मों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, उन्होंने साउथ सिनेमा में भी कई शानदार फिल्मों में काम किया है। हालांकि, एक सच्चाई ये भी है कि वह फिल्मों में हमेशा निगेटिव किरदार में दिखाई देते हैं। अपने शानदार काम के लिए मुरली बेस्ट विलेन के लिए नंदी अवॉर्ड, बेस्ट सपोर्टिंग रोल के लिए सीमा अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके हैं।
मुरली शर्मा ने अलग भाषाओं की 130 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। उन्होंने कई बड़े कलाकारों के साथ स्क्रीन शेयर की है। इतना ही नहीं, कुछ फिल्मों में उन्होंने ऐसे दमदार किरदार निभाए हैं, जो फैंस के बीच लोकप्रिय है। मुरली को ‘मैं हूं न’, ‘डोल’, ‘धमाल’, ‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘गोलमाल रिटर्न’ जैसी कई शानदार फिल्मों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, उन्होंने साउथ सिनेमा में भी कई शानदार फिल्मों में काम किया है। हालांकि, एक सच्चाई ये भी है कि वह फिल्मों में हमेशा निगेटिव किरदार में दिखाई देते हैं। अपने शानदार काम के लिए मुरली बेस्ट विलेन के लिए नंदी अवॉर्ड, बेस्ट सपोर्टिंग रोल के लिए सीमा अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके हैं।

अश्विनी कालसेकर से रचाई शादी
सिनेमा जगत के लोगों को हटा दिया जाए तो कम ही लोग जानते हैं कि मुरली शर्मा ने साल 2009 में अश्विनी कालसेकर से शादी रचाई थी। अश्विनी की यह दूसरी शादी थी। उनकी पहली शादी साल 1998 में नीतीश पांडे नाम के शख्स से हुई थी। अश्विनी भी मुरली शर्मा की तरह कई फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। वह टीवी में भी काफी सक्रिय रहीं। एक बार अश्विनी ने अपने पति मुरली शर्मा के साथ अपने संबंधों के बारे में बात की थी और कहा था, ‘मुरली और मैं दोस्त हैं। वह किताबों और संगीत में अधिक रहना पसंद करते हैं। ईमानदारी से कहूं तो हम एक दूसरे से अलग हैं लेकिन हमें एक दूसरे की पसंद और प्राथमिकताओं को महत्व देने के बारे में अच्छी समझ है। मुझे लगता है कि यह हमें चलता रहता है!
सिनेमा जगत के लोगों को हटा दिया जाए तो कम ही लोग जानते हैं कि मुरली शर्मा ने साल 2009 में अश्विनी कालसेकर से शादी रचाई थी। अश्विनी की यह दूसरी शादी थी। उनकी पहली शादी साल 1998 में नीतीश पांडे नाम के शख्स से हुई थी। अश्विनी भी मुरली शर्मा की तरह कई फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। वह टीवी में भी काफी सक्रिय रहीं। एक बार अश्विनी ने अपने पति मुरली शर्मा के साथ अपने संबंधों के बारे में बात की थी और कहा था, ‘मुरली और मैं दोस्त हैं। वह किताबों और संगीत में अधिक रहना पसंद करते हैं। ईमानदारी से कहूं तो हम एक दूसरे से अलग हैं लेकिन हमें एक दूसरे की पसंद और प्राथमिकताओं को महत्व देने के बारे में अच्छी समझ है। मुझे लगता है कि यह हमें चलता रहता है!
आशा खबर / शिखा यादव
