-विद्युत मंत्री आरके सिंह ने विधेयक को स्थाई समिति के समक्ष भेजने का किया आग्रह
लोकसभा में विपक्षी दलों के भारी विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने सोमवार को ‘ऊर्जा (संशोधन) विधेयक, 2022’ लोकसभा में पेश कर दिया। विद्युत मंत्री आरके सिंह ने ज्यों ही विधेयक को सदन में पेश करने के लिए रखा तो कांग्रेस,आरएसपी, तृणमूल कांग्रेस समेत विभिन्न दलों के सदस्यों ने इसका जमकर विरोध किया। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि यह विधेयक किसानों और आम जनता के हित में नही हैं। ये संघीय ढांचें के विरुद्ध है। इस कारण ये विधेयक पेश नहीं किया जा सकता।
विपक्षी दलों के हंगामें के बीच ही विद्युत मंत्री ने विधेयक को सदन के पटल पर रखा और कहा कि इसे जनहित को ध्यान में रखते हुए सभी दलों से चर्चा के लिए संसद की स्थाई समिति को सौंपा जा रहा है।
आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि ये नियमों के विरुद्ध है और संवैधानिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि ये विधेयक असंवैधानिक और संघीय ढ़ांचे के विरुद्ध है। विधेयक के बारे में राज्यों से किसी तरह की कोई चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को पेश नहीं किया जाना चाहिए और इसे स्थाई समिति के समक्ष भेज दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से बिजली की वितरण प्रक्रिया प्रभावित होगी।
वहीं, कांग्रेस के मनीष तिवारी तथा सदन में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी विधेयक का कड़ा विरोध किया। मनीष तिवारी ने कहा कि ये विधेयक कथन और उद्देश्यों से अलग है। उन्होंने कहा कि ये किसानों और आम जनता के हित में नही है और इससे बिजली कंपनियों की मनमानी चलेगी। इस वजह से विधेयक को वापस लिया जाना चाहिए।
द्रमुक के टीआर बालू ने भी विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि ये किसानों के हित में नही है और इसे स्थाई समिति में विचार के लिए भेज देना चाहिए। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह बिजली कंपनियों को लाभ पहुंचाने तथा किसानों और आम हितों के खिलाफ है।
वहीं, विद्युत मंत्री सिंह ने कहा कि किसानों को दी जाने वाली मुफ्त बिजली जारी रहेगी। सब्सिडी रोकने का भी विधेयक में कोई प्रावधान नही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार ठीक नही है और वह बिना वजह दुष्प्रचार कर रहा है। सिंह ने कहा कि उन्होंने स्वयं इस विधेयक को स्थाई समिति के समक्ष भेजने का प्रस्ताव दिया है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल