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सिद्धपीठ जागेश्वर महादेव का हरियाली श्रृंगार, दरबार में श्रद्धालुओं की कतार

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सिद्धपीठ जागेश्वर महादेव

—महाशिवरात्रि पर पावन शिवलिंग जौ के बराबर अपने आप बढ़ जाती है

सावन के चौथे और आखिरी सोमवार पर ईश्वरगंगी नरहरपुरा स्थित बाबा जागेश्वर महादेव के दरबार में हरियाली श्रृंगार देखने और दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। दरबार में मंगला आरती के बाद से ही श्रद्धालुओं के आने का क्रम शुरू हो गया जो दिन चढ़ने तक अनवरत बना हुआ हैं ।

मंदिर के पुजारी मधुर कृष्ण महाराज ने बताया कि सावन भर बाबा जागेश्वर का दर्शन पूजन, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। उनके जीवन में सुख समृद्धि खुशहाली रहती है। सावन के अंतिम सोमवार पर बाबा जागेश्वर महादेव का दिव्य हरियाली श्रृंगार किया गया । हरियाली श्रृंगार के पूर्व भोर में मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए दरबार का पट खुल गया। मंदिर के बाहर नगर निगम की ओर से साफ सफाई चूने का छिड़काव भी किया गया था। बताते चले ईश्वरगंगी स्थित जागेश्वर महादेव मंदिर में हजारों वर्ष पुराना शिवलिंग है। जिसकी लंबाई हर महाशिवरात्री को पावन शिवलिंग जौ के बराबर अपने आप बढ़ जाती है। मान्यता है कि इसके दर्शन, स्पर्श एवं पूजन से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है । अगर कोई इस शिवलिंग का तीन साल तीन महीने दर्शन कर ले या सिर्फ तीन महीने ही दर्शन कर ले तो उसके सारे कष्ट दूर होने के साथ हर मनोकामना भी पूरी हो जाती है। स्कन्दपुराण काशी खण्ड के अनुसार जिस समय भगवान शिव काशी को छोड़कर चले गए थे उसी दिन जागीषव्य मुनि ने यह प्रतिज्ञा ली थी कि भगवान शिव के दर्शन के बाद ही जल ग्रहण करूंगा। मुनि के कठोर तप से भगवान शिव प्रसन्न हो गए और नंदी को लीलाकमल के साथ भेजा। लीलाकमल पुष्प के स्पर्श करते ही मुनि का क्षीण शरीर पूरी तरह ठीक हो गया और बाद में मुनि ने शिव से यह वरदान मांगा कि आप यहां के शिवलिंग में हमेशा उपस्थित रहें। इसके बाद शिव ने इन्हें यह वरदान दिया कि यह शिवलिंग दुर्लभ होगा जिसके दर्शन से मनुष्य की हर कामना पूरी होगी साथ ही तुम मेरे चरणों के समीप वास करोगे। जिसके बाद से ही हर साल शिवलिंग में वृद्धि होती है।

आशा खबर / शिखा यादव 

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