दुष्कर्म मामले में आरोपी मऊ जिले के घोसी से बसपा सांसद अतुल राय को बरी कर दिया गया है। विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए सियाराम चौरसिया की कोर्ट ने ये फैसला सुनाया।
घोसी से बसपा सांसद अतुल राय को दुष्कर्म मामले में बरी कर दिया गया है। विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए सियाराम चौरसिया की कोर्ट ने ये फैसला सुनाया। हालांकि अतुल राय अभी जेल से बाहर नहीं आएंगे। बसपा सांसद के अधिवक्ता ने बताया कि अभी लखनऊ में एक मामला और दर्ज है। उसमें जमानत के बाद ही रिहाई हो पाएगी। मुकदमे में सुनवाई के बाद शनिवार को वाराणसी कचहरी परिसर के बाहर अतुल राय समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी।
तीन साल पुराना यह मामला काफी चर्चित था। बीते साल 16 अगस्त को अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती ने अपने मित्र के साथ सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह कर लिया था। उपचार के दौरान युवक की 21 और युवती की 24 अगस्त को मौत हो गई थी।
दोनों ने कोर्ट के बाहर फेसबुक पर लाइव वीडियो शेयर करते हुए आत्मघाती कदम उठाया था। लाइव वीडियो में पीड़िता और उसके साथी ने वाराणसी पुलिस के तत्कालीन अफसरों और न्याय व्यवस्था को कोसते हुए यह कदम उठाया था।
मई 2019 में दर्ज हुआ था दुष्कर्म का मुकदमा
वाराणसी के एक कॉलेज की पूर्व छात्रा व मूल रूप से बलिया की रहने वाली युवती ने बसपा सांसद अतुल राय पर एक मई 2019 को लंका थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें गवाह के तौर पर गाजीपुर के भंवरकोल निवासी एक युवक था।
माफिया मुख्तार के करीबी अतुल रा्य पर दर्ज हैं 27 मुकदमे
कभी माफिया मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी रहे अतुल राय पर कुल 27 आपराधिक मुकदमे दर्ज है। 2009 में पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। बीएससी की पढ़ाई के दौरान ही अतुल राय का झुकाव जरायम और सियासत की ओर हुआ और वह मऊ सदर के पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी से जुड़ गया। इसके बाद वह फिर कभी पीछे नहीं देखा।
मुख्तार के शह पर मोबाइल टावर में तेल सप्लाई के कारोबार से लेकर बरेका में ठेका और रियल एस्टेट कारोबार से आगे बढ़े अतुल राय ने पहली बार में ही बसपा के टिकट पर घोषी से चुनाव जीता। इस चुनाव के बाद से ही मुख्तार और अतुल में दूरियां बढ़ गईं। बेटे अब्बास को घोषी से सांसद बनाने का सपना देखने वाले मुख्तार के हाथ से बसपा का टिकट छीनने वाले अतुल राय ने अपनी जान को मुख्तार से खतरा भी बताया है।