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आजादी के अमृत महोत्सव में हरित भविष्य की ओर बढ़ रहा है इंडियन ऑयल

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भारत की आजादी को 75 वर्ष पूरे हो गए हैं, इस अवसर पर अगले 25 साल का अमृत काल तय करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। 15 अगस्त को देश जब ठीक 75 वर्ष पूरा कर लेगा तो इस अवसर पर देश भर के तमाम सरकारी कार्यालय और संस्थानों के साथ 20 करोड़ से अधिक घरों में भी तिरंगा लहराते रहेगा।

इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक पैमाने पर अभियान चल रहा है तो बिहार में स्थापित एकमात्र तेल शोधक इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का बरौनी रिफाइनरी भी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। लोगों को हर घर तिरंगा अभियान और आजादी का अमृत महोत्सव के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता रथ चलाया जा रहा है। पंपलेट के माध्यम से लोगों को जानकारी दी जा रही है। सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है, जहां की फोटो खींचकर लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं तथा सोशल मीडिया के माध्यम से भी इंडियन लोगों को प्रेरित कर रहा है।

इंडियन ऑयल की सोच है कि विगत 75 वर्षों में भारत असाधारण दक्षताओं, विकास मानकों और एक वैश्विक ताकत के रूप में परिवर्तित हुआ है। ऐसे में इंडियन ऑयल प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। क्योंकि इंडियन ऑयल के लिए हमेशा पहले देश है, फिर व्यापार। 2070 तक नेट-जीरो लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के अनुसार इंडियन ऑयल 2022 को ”हरित भविष्य की ओर” के रूप में मना रहा है। यह लक्ष्य इंडियन ऑयल के फोकस को भी प्रमाणित करता है, जिसके अनुरूप देश हरित भविष्य की तैयारी कर रहा है।

आज इंडियन ऑयल केवल ईंधन ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण ऊर्जा समाधान के साथ देश के सतत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। लगातार वैकल्पिक ऊर्जा समाधानों के माध्यम से सतत विकास के लिए अपनी सीमाओं का विस्तार कर रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए भारत की दो प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की ऊर्जा कंपनी इंडियन ऑयल और एनटीपीसी पहल कर रही है। इंडियन ऑयल ने अपनी रिफाइनरियों में नई परियोजनाओं के लिए 85 प्रतिशत बिजली की आवश्यकता निकट भविष्य में मुख्य रूप से नवीकरणीय स्रोतों से पूरा करने की योजना बनाई है।

सौर ऊर्जा, सौर तापीय एवं सौर हाइड्रोजन के क्षेत्र में विभिन्न पायलट परियोजनाएं चल रही है और भारत हरित हाइड्रोजन मिशन में अग्रणी हो रहा है। बरौनी रिफाइनरी में भारत के पहले और दुनिया के तीसरे ग्रीन कूलिंग टावर (जीसीटी) की स्थापना किया गया है, जो पारंपरिक कूलिंग टॉवर का ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है। कुल मिलाकर कहें तो आजादी का अमृत महोत्सव में हर कोई सहभागी बन कर अगले 25 वर्ष के अमृत काल की रूपरेखा तय कर रहा है।

आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल

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