बिना चीर फाड् अथवा शल्य चिकित्सा के किये बिना ही ठाणे शहर के महावीर जैन अस्पताल में एक वयोवृद्ध 88 वर्षीय श्रीराम सावले के लगभग शिथिल हुए हृदय को गति प्रदान करने के लिए टावी मतलब ट्रांस कैथेटर वाल्व रिप्लेसमेंट प्रणाली द्वारा सफलता पूर्वक हृदय वाल्व का प्रत्यारोपण किया गया | आज यह जानकारी देते हुए महावीर जैन अस्पताल के हृदय चिकित्सक डॉ मयूर जैन ने बताया कि 88 वर्षीय श्रीराम सावले के इसके पूर्व 2011 में बाय पास चिकित्सा हो चुकी थी | उनके हृदय में तीन गतिरोध थे | इस प्रतिकूल परस्थिति में ओपन हार्ड सर्जरी जो कि अधिक उम्र में खतरा पैदा कर सकती थी ,इसलिए उनके हृदय वाल्व बदलने का निर्णय लिया गया | लगभग पांच कार्डियोलॉजिस्ट की मदद से लगभग पचास मिनिट चले ऑपरेशन में सावले का हृदय का वाल्व बदला गया | ठाणे में इस तरह की यह पहली सर्जरी है |
जैन अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील कटकड़े बताया कि टावी चिकित्सा पद्धति अधिकतर वयोवृद्ध और गुर्दे पोस्ट बाय पास और फेफड़े आदि की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए ज्यादा कारागार सिद्ध हो रही है जो कि ओपन सर्जरी नहीं करावा सकते हैं | टावी एक अति अत्याधुनिक चिकित्सा प्रणाली है ,जिसमें मरीज को वेंटिलेटर अथवा किसी लोकल इंजेक्शन और खून चढ़ाये बिना ही महज चार दिन में ही अस्पताल से घर जाने दिया जाता है | इस प्रक्रिया में लम्बी सर्जरी नहीं होती इसलिए ब्लीडिंग नहीं होने की स्थिति में कमजोरी भी मरीज को महसूस नहीं होती है |
उल्लेखनीय है कि टावी हृदय चिकित्सा प्रणाली का प्रयोग दस वर्ष पूर्व सयुंक्त राज्य अमेरिका में किया गया था | देश में इसका प्रयोग चार वर्ष से किया जा रहा है |