अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर हर साल लगने वाला मिनी उर्स इस बार भी पूरी अकीदत और ऐहतेराम के साथ हुआ। कोरोना महामारी के दो साल बाद आयोजित होने वाले इस उर्स में हिस्सा लेने के लिए देश-दुनिया से जायरीन की बड़ी तादाद पहुंची। आज छठी की फातेहा और जुमे की नमाज के बाद एक तरह से यह मिनी उर्स समाप्त हो गया। इसके साथ ही इसमें आए जायरीन अपने घरों को लौटने लगे।
आज सुबह विश्रामस्थली अजमेर में छठी शरीफ की फातेहा का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में जायरीन ने हिस्सा लिया। इस मौके पर दरगाह कमेटी के मौलाना जाकिर शम्सी ने ख्वाजा साहब की जीवनी और उनकी शिक्षाओं पर रौशनी डाली। फातेहा के अंत में देश में अमन चैन और खुशहाली के लिए विशेष दुआ की गई।
विश्रामस्थली पर कल देर शाम तक लगभग 400 बसें पहुंच चुकी थीं जिसमें से लगभग 260 से अधिक बसें वापस रवाना हो गई हैं। दो वर्ष बाद आयोजित मोर्हरम उर्स में जायरीन की संख्या बहुत अधिक रही है। दरगाह कमेटी की तरफ से विश्रामस्थली पर लंगर वितरित किया गया है। विश्रामस्थली पर आज दोपहर 01ः30 बजे जुमे की नमाज अदा की गई। इस मौके पर दरगाह कमेटी सदस्य सैयद बाबर अशरफ की जानिब से बयान किया गया और मौलाना जाकिर ने जुमे की नमाज अदा कराई। नमाजियों की बेहतर व्यवस्था के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण की तरफ से भव्य वाटर प्रूफ नमाज स्थल का निर्माण कराया गया था।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल