– आपराधिक इतिहास वाले उम्मीदवारों की जानकारी सार्वजनिक न करने का मामला
– अखिलेश यादव, सोनिया गांधी, जेपी नड्डा, मायावती को बनाया गया था पक्षकार
सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक इतिहास वाले उम्मीदवारों की जानकारी सार्वजनिक न करने वाले राजनैतिक दलों पर कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। याचिका में यूपी विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए अखिलेश यादव, सोनिया गांधी, जेपी नड्डा, मायावती को पक्षकार बनाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी, 2020 को कहा था कि राजनीतिक दल केवल जीतने की काबिलियत के आधार पर दागी लोगों को टिकट न दें। अगर वे दागी लोगों को टिकट देते हैं तो उन्हें सार्वजनिक तौर पर इसकी वजह बतानी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने दागी लोगों को टिकट चुनाव लड़ने से रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा था कि राजनीतिक दल दागी लोगों की उम्मीदवारी तय करते ही अपनी वेबसाइट पर 48 घंटे के भीतर उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि की सूचना अपलोड करेंगे।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि वेबसाइट पर दागी उम्मीदवारों के अपराध की प्रकृति और उन पर लगे आरोपों की जानकारी देनी होगी। उन्हें अपनी वेबसाइट पर ये भी बताना होगा कि वे दागी उम्मीदवारों को टिकट क्यों दे रहे हैं। उम्मीदवारों की जानकारी देते समय ये नहीं बताना चाहिए कि वे चुनाव जीतने की क्षमता रखते हैं।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल