Search
Close this search box.

बेटे का शव कंधे पर ले जाने का मामला : अधिकारियों से बोला पिता, अस्पताल से सड़क तक कहीं नहीं दिखी सरकार

Share:

Prayagraj News :  मामले की जांच और पीड़ित परिवार की मदद के लिए बजरंगी के घर पहुंचे अधिकारी।

बेटे को खोने के बाद पहले से ही रो-रोकर बेहाल हो चुके बजरंगी और उसकी पत्नी की पीड़ा अफसरों को देखकर और बढ़ गई। उनमें दुख के साथ गुस्सा भी था। बजरंगी ने जांच टीम को बताया कि बच्चे का शव ले जाने के लिए मोर्चरी के पास ही मदद मांगी लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था।

मानवता को झकझोर देने वाली घटना के दो दिन बाद बृहस्पतिवार को करछना के रामपुर उपरहार पहुंची जांच टीम के सदस्यों के सामने बेटे शव लेकर पैदल ही मीलों दूरी तय करने वाला बजरंगी और उसकी पत्नी फूट-फूट कर रोए। यह देखकर आसपास मौजूद लोगों की आंखें नम हों गईं।  बिलखते हुए पिता ने कहा- साहब, अस्पताल से लेकर रास्ते तक कहीं भी सरकार नहीं दिखी। सीएमओ और एसडीएम से कहा कि, और किसी को क्या दोष दें, जब अस्पताल से ही लौटा दिया गया।

बजरंगी के बेटे शुभम की सोमवार को करेंट की चपेट में आने से मौत हो गई थी। गांव वालों की मदद से बच्चे को पहले डीहा फिर एक अन्य अस्पताल ले जाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका। इसके बाद बेटे का शव मंगलवार को पोस्टमार्टम के लिए एसआरएन अस्पताल लाया गया। यहां पोस्टमार्टम के बाद शव घर ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली। कहीं और से भी कोई मदद नहीं मिली। 

Prayagraj News :  बजरंगी के घर के अंदर का दृश्य।
इसके बाद बजरंगी तथा उसकी पत्नी सविता बेटे का शव कंधे पर रख 20 किमी से अधिक दूरी पैदल तय कर अपने गांव तक गए। यह मामला सामने आने के बाद डीएम ने मोतीलाल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.एसपी सिंह, सीएमओ डॉ.नानक सरन, एसडीएम रेनू सिंह की एक जांच कमेटी गठित की। इसी क्रम में जांच कमेटी के तीनों सदस्य बृहस्पतिवार को पीड़ित के गांव पहुंचे और घटना की जानकारी ली।

बेटे को खोने के बाद पहले से ही रो-रोकर बेहाल हो चुके बजरंगी और उसकी पत्नी की पीड़ा अफसरों को देखकर और बढ़ गई। उनमें दुख के साथ गुस्सा भी था। बजरंगी ने जांच टीम को बताया कि बच्चे का शव ले जाने के लिए मोर्चरी के पास ही मदद मांगी लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था। फिर बच्चे का शव अपने कंधे लेकर घर के लिए चल दिए।

Prayagraj News :  बजरंगी के घर के अंदर का चूल्हा।
बजरंगी ने बताया, रास्ते में मदद तो दूर, किसी ने पूछा भी नहीं। नैनी पुल पर एक गाड़ी वाले ने रोका लेकिन साथ में आए गांव वालों से पूछकर वह आगे बढ़ गए। मोर्चरी से लेकर बेटे के अंतिम संस्कार तक कहीं से कोई नहीं आया। गांव के लोगों ने मदद की। बजरंगी ने जांच टीम को बताया कि उसके पास कोई जमीन नहीं है। प्रधान की मदद से पिता ने मकान बनवाया था। राशन कार्ड, गैस कनेक्शन आदि कुछ भी नहीं है।

Prayagraj News :  बेटे का शव कंधे पर लादकर घर तक ले जाने वाला बजरंगी परिवार के साथ।
बजरंगी तथा पत्नी के साथ अन्य ग्रामीणों का बयान लेने के बाद अफसर लौट गए। पीड़ित परिवार की मदद की कवायद भी शुरू की गई है। डीएम ने पांच लाख रुपये देने की घोषण भी की लेकिन बजरंगी के बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, डीएम ने अब मोर्चरी से शव ले जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कमेटी बनाने का निर्देश दिया है। साथ ही चौराहों तथा प्रमुख स्थानों पर लगे कैमरे एवं आईसीसीसी की कार्यशैली को भी जांच के दायरे में लाया गया है।

करंट लगने से निधन पर पांच लाख रुपये दिए जाने का प्रावधान है। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अन्य योजनाओं के तहत भी मदद दी जाएगी। इसके लिए भी निर्देश दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, सीएमओ तथा एसडीएम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। जांच आख्या का इंतजार है। उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। आगे इस तरह की घटना दोबारा न होने पाने इसके लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। – संजय कुमार खत्री, डीएम

आशा खबर / शिखा यादव

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news