कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में दक्षिण एशियाई देशों के संगठन आसियान के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक हुई। कोविड-19 महामारी के बाद हुई पहली बैठक में म्यांमार में हिंसा समाप्त करने का मुद्दा छाया रहा। अमेरिका और चीन के बीच बढ़े तनाव और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी के बीच इस बैठक का आयोजन किया गया।
कंबोडिया के विदेश मंत्री प्राक सोखोन ने प्रतिनिधियों से कहा कि आसियान को विभिन्न प्रकार और स्तरों की चुनौतियों से निपटना होता है, लेकिन उसके समक्ष ऐसी चुनौती कभी उत्पन्न नहीं हुई है जैसी इस वर्ष हुई है। हमारे समक्ष एक ही समय में इस क्षेत्र और दुनिया के लिए इतनी सारी चुनौतियां हैं।
कंबोडिया वर्तमान में आसियान का अध्यक्ष है, जिसमें म्यांमार के अलावा फिलीपीन, मलेशिया, इंडोनेशिया, लाओस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और ब्रुनेई भी शामिल हैं।
म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 में आंग सान सू ची की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को सत्ता से हटा दिया था। उसके बाद उत्पन्न हिंसा को देखते हुए देश को आसियान की बैठकों में कोई भी राजनीतिक प्रतिनिधि नहीं भेजने के लिए कहा गया था।
उस फैसले के विरोध में, म्यांमार की सैन्य सरकार ने कहा कि वह किसी भी प्रतिनिधि को बिल्कुल भी नहीं भेजेगी तथा वार्ता में भी इसका प्रतिनिधित्व नहीं होगा।
बैठक के लिए कंबोडिया के प्रवक्ता, विदेश मंत्रालय के अधिकारी एवं म्यांमार में समूह के विशेष दूत के रूप में भी कार्यरत कुंग फोक ने कहा कि आप उनसे बात किए बिना म्यांमार में समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल