बेगूसराय से गुजरने वाली गंगा और बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में काफी तेजी से हो रही वृद्धि के कारण एक बार फिर लोगों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है। गंगा नदी का जलस्तर अभी खतरा के निशान से करीब एक मीटर नीचे है, लेकिन प्रति घंटा एक सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर बढ़ने के कारण दियारा क्षेत्र के लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में जुट गए हैं, वहीं किसानों में सनसनी फैली हुई है।
जलस्तर बढ़ने के साथ-साथ गंगा में कटाव भी काफी तेज हो गया है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि से बेगूसराय के बछवाड़ा, तेघड़ा, बरौनी, मटिहानी, शाम्हो, बलिया एवं साहेबपुर कमाल प्रखंड के लोग दहशत में हैं। दूसरी ओर बेगूसराय जिले के बीचो बीच से गुजरने वाली बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में प्रत्येक घंटा छह सेंटीमीटर से अधिक की वृद्धि हो रही है। जिसके कारण खोदावंदपुर, चेरिया बरियारपुर, वीरपुर, भगवानपुर, नावकोठी, डंडारी, बलिया एवं साहेबपुर कमाल के लोगों में दहशत का माहौल है। जबकि बेगूसराय की उतरी सीमावर्ती क्षेत्र से गुजरने वाली बागमती (करेह) नदी के जलस्तर में भी अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है तथा यह खतरा के निशान के करीब पहुंच चुकी है। करेह नदी भी बेगूसराय के लोगों के लिए दहशत का कारण है।
डीएम रोशन कुशवाहा के नेतृत्व में बाढ़ पूर्व तैयारी कर ली गई है तथा गंगा एवं बूढ़ी गंडक नदी के तटबंध पर बड़े पैमाने पर बालू भरा बैग एक्स्ट्रा स्टॉक कर लिया गया है। कटाव स्थल पर भी निरोधक कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन कटाव के मामले में गंगा ने रौद्र रूप अख्तियार कर लिया है। तेघड़ा के अजगरबर एवं मटिहानी के चाक खोरमपुर में काफी तेजी से हो रहे कटाव के कारण लोगों में दहशत का माहौल है। सबसे खराब स्थिति तेघड़ा प्रखंड के आधारपुर पंचायत स्थित अजगरबर गांव के समीप की है। यहां गांव से एक सौ मीटर से भी कम दूरी गंगा नदी में भीषण कटाव से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।
ग्रामीणों की सूचना पर बीडीओ संदीप कुमार पांडेय ने कटाव स्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद कटाव स्थल पर गंगा नदी की उफनती लहरों को देखकर बीडीओ ने बेगूसराय के डीएम तथा आपदा प्रबंधन विभाग को त्राहिमाम चिट्ठी लिखी है। बीडीओ संदीप कुमार पांडेय ने बताया कि अजगरबर गांव के निकट आबादी से करीब एक सौ मीटर से भी कम दूरी पर गंगा नदी में भीषण कटाव जारी है। गंगा में भीषण कटाव के कारण अजगरबर सहित आस-पास की गांवों की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है। कटाव स्थल पर जल संसाधन विभाग द्वारा कटाव निरोधी कार्य किया जा रहा है। लेकिन इसके बाद भी गंगा की तेज लहरों के कारण कटाव से लोगों का जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
बीडीओ ने बताया कि कटाव से पीड़ित लोगों के लिए प्राथमिक विद्यालय बिनलपुर एवं मध्य विद्यालय चकउधो को अस्थायी तौर पर शरणस्थल बनाया जा सकता है। समय रहते अगर कटाव स्थल पर गंगा की तेज धारा पर काबू नहीं पाया गया तो आस-पास की गांवों के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। फिलहाल प्रशासनिक व्यवस्था के बीच नदी के तेजी से बढ़ते जल स्तर तथा गंगा के भीषण कटाव से लोगों में जान-माल की सुरक्षा को लेकर डर बना हुआ है। वहीं, सिमरिया में गंगा के तेजी से बढ़ते जलस्तर के कारण राजकीय श्रावणी मेला में सुरक्षा के लिए बनाया गया सभी वॉच टावर पानी में समा चुका है, तो अंतिम सोमवारी के दौरान कांवरिया के सुरक्षित रूप से स्नान कराने के लिए प्रशासन को अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ रही है।
आशा खबर / शिखा यादव