सावन माह का सनातन धर्म में विशेष महत्व माना गया है, क्योंकि इस माह में किए गए शिव पूजन व आराधना से भक्तों का कल्याण होता है। श्रावण मास की नाग पंचमी पर पूरे देश में नागों की पूजा की जा रही है लेकिन जनपद के फीलखाना थाना क्षेत्र स्थित फूलबाग में बने बाबा खेरेश्वर मंदिर में पूजा का विशेष विधान है।
यह मंदिर नागों के देवता बाबा खेरेपति के नाम पर ही बना है। यहां पर आज के दिन इस मंदिर में नागों का श्रृंगार किया जाता है। इस दिन देश के कोने-कोने से सपेरे अपने-अपने नागों को लेकर यहां मंदिर में आते हैं। इन नागों के दर्शन पूजन कर भक्त भी अपने आपको सौभाग्यशाली मानते हैं।
नागपंचमी के दिन इस मंदिर में रात को नागों का विशेष तरीके से श्रंगार और पूजन किया जाता है। इस मंदिर में भगवान विष्णु की जहां भगवान शेष नाग पर खड़े विशाल प्रतिमा है वही भगवान शिव के ऊपर छाया बने भगवान नाग देवता की भी शिवलिंग है। भक्त इस मंदिर में दोनों भगवान की एक साथ पूजा कर नागपंचमी के दिन भगवान का आशीर्वाद पाते हैं।
नागपंचमी के अवसर पर आज दर्शन करने आये भक्तों ने बताया की खेरेपति मन्दिर में पूजा करने आये हैं और हमने अपने परिवार के लिए नाग देवता का आशीर्वाद लिया है। यहां ये मानता है कि नागपंचमी को पूजा करने और नागों को दूध पिलाने से मनोकामना पूरी होती है। भक्त अंजलि ने बताया कि हम बीस-पच्चीस साल से यहां आ रहे हैं। यहां पूजन से परिवार को कल्याण व सुख समृद्धि होती है।
वही, दर्शन करने आए आशुतोष राठौर, शिव अवस्थी, देव प्रकाश ने यहां सांपों को गले में डालकर नागपंचमी पहन कर आशीष लिया। उनसे पूछा गया कि उन्हें डर नहीं लगता तो उनका साफ कहना था कि हम भोलेनाथ के भक्त हैं और इन को छूने से सभी पाप दूर होते हैं घर में खुशहाली आती है।
आशा खबर / शिखा यादव