-सरकार की भी बढ़ी चिंता, एक मात्र आगरा में हुई है अच्छी बारिश
जुलाई माह में भी प्रदेश में काफी कम बारिश हुई। जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गयी हैं। इस वर्ष प्रदेश में पिछले वर्ष जुलाई माह में हुई बारिश से 161.85 मिली मीटर कम बारिश हुई है, जबकि 2020 की अपेक्षा 158.8 मिमी वर्षा कम हुई है। प्रदेश में हुई कम बारिश ने सरकार की भी चिंताएं बढ़ा दी हैं। अगस्त माह में भी अच्छी शुरुआत नहीं हुई है। एक अगस्त को प्रदेश में मात्र 5.9 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य वर्षा से 46 प्रतिशत कम है।
मौसम विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार इस वर्ष जुलाई माह में कुल 191.8 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो कि वर्ष 2021 में हुई 353.65 मिमी और वर्ष 2020 में हुई 349.85 मिमी वर्षा के सापेक्ष कम है। इस बीच सिर्फ आगरा जनपद में सामान्य (120 प्रतिशत से अधिक) वर्षा हुई। वहीं फिरोजाबाद, एटा, हाथरस, खीरी, औरैया, चित्रकूट, प्रतापगढ़, वाराणसी और हापुड़ में सामान्य (80 से 120 प्रतिशत) बारिश हुई है।
वहीं मथुरा, बलरामपुर, ललितपुर, इटावा, भदोही, अम्बेडकर नगर, मुजफ्फरनगर, गाजीपुर, कन्नौज, जालौन, मेरठ, संभल, सोनभद्र, लखनऊ, सहारनपुर और मिर्जापुर में सामान्य से कम (60 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक) वर्षा हुई है। प्रदेश में 30 जनपद ऐसे हैं, जहां सामान्य से 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक ही वर्षा दर्ज की गई है। वहीं 19 जनपदों में 40 फीसदी से भी कम बरसात हुई है।
वहीं कानपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, गोंडा, मऊ, बहराइच, बस्ती, संतकबीरनगर, गाजियाबाद, कौशाम्बी, बलिया, श्रावस्ती, गौतमबुद्ध नगर, शाहजहांपुर, कुशीनगर, जौनपुर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद और रामपुर जिले में सामान्य की तुलना में मात्र 40 प्रतिशत तक बरसात हुई है। उत्तर प्रदेश में आमतौर पर 15 जून तक बरसात का मौसम प्रारंभ हो जाता रहा है, जो कि 15 सितंबर तक जारी रहता है। खेती-किसानी की समृद्धि के लिए यह प्राकृतिक वर्षा अमृत है। इस बार मॉनसून सामान्य नहीं है। रामपुर ऐसा जिला है सामान्य की तुलना में मात्र 18 प्रतिशत बरसात ही हुई, अब तक यहां 98 प्रतिशत फसल की बुआई हो चुकी है।
कृषि विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार सामान्य वर्षा न होने के कारण खरीफ फसलों की बोआई का कार्य प्रभावित हुआ है। हालांकि 19 जुलाई के बाद हुई बरसात से स्थिति में काफी सुधार हुआ है। खरीफ अभियान 2022-23 के अंतर्गत 13 जुलाई की अद्यतन स्थिति के अनुसार प्रदेश में 96.03 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के सापेक्ष 01 अगस्त तक 81.49 लाख हेक्टेयर की बोआई हो सकी है, जो कि लक्ष्य का 84.8 प्रतिशत ही है। गत वर्ष इसी तिथि तक 91.6 लाख हेक्टेयर भूमि पर बोआई हो चुकी थी।
आशा खबर / शिखा यादव